उत्तर प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। संभल जिले में सोमवार सुबह आयकर विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी रेड (छापेमारी) को अंजाम दिया।
करीब 70 गाड़ियों में सवार 100 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी मीट कारोबारियों इमरान और इरफान के घर, फैक्टरी और अन्य ठिकानों पर पहुंचे।
छापेमारी सुबह 4 बजे से शुरू हुई और देर रात तक टीमों ने दस्तावेजों की गहन जांच जारी रखी।
20 साल पुराने कारोबार पर जांच की आंच
सूत्रों के अनुसार, इमरान और इरफान ने करीब 20 वर्ष पहले मीट फैक्टरी शुरू की थी। इससे पहले वे हड्डी के कारोबार में थे।
वर्तमान में उनके स्वामित्व वाली इंडिया फ्रोजन फूड कंपनी संभल के साथ-साथ हापुड़, बरेली और कैराना में भी संचालित है।
इन दोनों भाइयों का कारोबार कई सौ करोड़ रुपये तक फैला हुआ बताया जा रहा है।
100 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी रेड में शामिल
रेड में दिल्ली, लखनऊ, बरेली और मुरादाबाद के अधिकारियों को शामिल किया गया था।
पहली टीम ने मीट फैक्टरी, जबकि दूसरी टीम ने कारोबारियों के घरों पर दस्तावेजों की जांच शुरू की।
इसके बाद टीमें रिश्तेदारों, कर्मचारियों और मैनेजरों के घरों पर भी पहुंचीं।
सैकड़ों दस्तावेजों और डायरी की जांच जारी
छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और लेनदेन से जुड़ी डायरी मिलने की चर्चा सोशल मीडिया पर तेज हो गई।
लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “इस बार आयकर विभाग के पास ठोस सबूत हैं।”
हालांकि, विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
फैक्टरी में मौजूद 100 से ज्यादा कर्मचारी रोके गए अंदर
छापेमारी के दौरान फैक्टरी में 100 से अधिक कर्मचारी और मजदूर मौजूद थे।
टीम ने सभी को जांच पूरी होने तक अंदर ही रहने के निर्देश दिए।
फैक्टरी में ही खाने-पीने की व्यवस्था की गई, ताकि जांच बिना रुकावट जारी रह सके।
मीट सप्लाई से जुड़े ठेकेदारों पर भी कार्रवाई
आयकर विभाग ने फैक्टरी से मीट की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को भी जांच के दायरे में लिया है।
इन ठेकेदारों से सप्लाई बिल, भुगतान रसीदें और टैक्स रिकॉर्ड मांगे गए हैं, ताकि आय के स्रोत की पुष्टि की जा सके।
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और बुलंदशहर में भी छापे
छापेमारी सिर्फ संभल तक सीमित नहीं रही।
आयकर विभाग ने दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, बरेली और बुलंदशहर में भी 30 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।
सूत्रों का कहना है कि यह जांच कई दिनों तक जारी रह सकती है।
संभल की अब तक की सबसे बड़ी रेड
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, यह अब तक की सबसे बड़ी आयकर रेड मानी जा रही है।
अधिकारियों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से कई करोड़ रुपये के टैक्स घोटाले का खुलासा हो सकता है।