नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बेनामी संपत्तियों और फर्जी लेनदेन पर लगाम कसने के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। विभाग अब देशभर के संपत्ति रजिस्ट्रार (Property Registrar) के रिकॉर्ड की विस्तृत जांच करने जा रहा है ताकि ऐसे लेनदेन पकड़े जा सकें जो अब तक नजरों से बचते रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हजारों संपत्ति सौदों में फर्जी पैन कार्ड (Fake PAN) और भ्रामक विवरण का इस्तेमाल किया गया है। कई मामलों में खरीदार और विक्रेता ने जानबूझकर गलत पैन या नाम दर्ज कराए, ताकि कर विभाग तक लेनदेन की जानकारी न पहुंचे।
30 लाख से अधिक की संपत्तियों पर विभाग की पैनी नजर
नियमों के तहत रजिस्ट्रार कार्यालय को 30 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की संपत्तियों के सौदों की रिपोर्ट आयकर विभाग को भेजनी होती है। लेकिन जांच में सामने आया है कि कई अधिकारी मिलीभगत से इन सौदों की रिपोर्ट ही नहीं भेजते या गलत विवरण दर्ज कर देते हैं।
इससे विभाग को कई उच्च-मूल्य वाले संपत्ति सौदों (High-Value Real Estate Deals) का पता नहीं चल पाता। इन लेनदेन का उपयोग लंबे समय से काले धन (Black Money) को छिपाने और बेनामी संपत्तियां (Benami Properties) बनाने के लिए किया जा रहा है।
अब अनिवार्य होगा पैन और आधार का ई-सत्यापन
आयकर विभाग इस व्यवस्था को और मजबूत करने जा रहा है। इसके तहत संपत्ति रजिस्ट्रेशन से पहले पैन (PAN) और आधार (Aadhaar) का ई-सत्यापन (e-verification) अनिवार्य किया जाएगा।
इससे फर्जी दस्तावेजों का उपयोग बंद होगा और संपत्ति के वास्तविक स्वामियों (Real Owners) की पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी।
बड़ी संपत्तियों और संदिग्ध आय पर विशेष नजर
इस साल की शुरुआत में भी आयकर विभाग ने 50 लाख रुपये या उससे अधिक की कृषि आय (Agricultural Income) दिखाने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर देशव्यापी जांच अभियान चलाया था।
विभाग का मानना है कि कई लोग इस माध्यम से बेनामी आय को वैध दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
कर चोरी और रियल एस्टेट में पारदर्शिता पर फोकस
सरकार का मकसद अब यह सुनिश्चित करना है कि हर संपत्ति सौदे में पारदर्शिता (Transparency in Real Estate) बनी रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम फर्जी पैन, बेनामी लेनदेन और कर चोरी (Tax Evasion) पर कड़ा प्रहार साबित होगा।
