उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)
शनिवार को बाबा दुःखहरण नाथ मंदिर में श्री राम चरित मानस कथा के प्रथम दिवस का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस पावन अवसर पर मंदिर के महन्थ मयंक गिरि महाराज और आदर्श नगर पालिका परिषद उतरौला के अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर कथा का प्रारंभ किया।
अयोध्या धाम से पधारे संत सर्वेश जी महाराज ने श्रद्धालुओं को गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री राम चरित मानस का परिचय दिया। उन्होंने मानस के सात काण्डों और चौपाइयों का विस्तार से वर्णन करते हुए भगवान श्री राम के आदर्श चरित्र पर प्रकाश डाला। कथा के दौरान उन्होंने भगवान शंकर और कुम्भज ऋषि की प्रसंगवश चर्चित लीला का भी उल्लेख किया।
कुम्भज ऋषि द्वारा भगवान शंकर को सुनाई गई श्री राम कथा
कथा के अनुसार, एक समय कुम्भज ऋषि ने भगवान शंकर को श्री राम की दिव्य लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान राम ने किस प्रकार अपने जीवन में आदर्शों और धर्म का पालन करते हुए राक्षसों का संहार किया और पृथ्वी पर धर्म की पुनः स्थापना की। यह कथा भगवान श्री राम के महान चरित्र और उनकी भक्तिपूर्ण लीलाओं को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के हर क्षण में मर्यादा और आदर्शों का पालन किया।
इस कथा का प्रभाव श्रोताओं पर गहरा पड़ा, और भक्तगण भगवान राम की महिमा में भाव-विभोर हो गए।
धार्मिक अनुष्ठान में यजमान के रूप में राम नाथ गुप्ता उपस्थित थे। श्रोताओं में ओम प्रकाश गुप्ता, श्रवण सोनी, दीपक चौधरी, महेश गुप्ता, विशाल गुप्ता, सरंजीत सैनी, आशीष कसौधन, संतोष सोनी, अजय चौरसिया, आर्यन गुप्ता, अर्पित गुप्ता और बबलू गुप्ता सहित सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष भक्तजन शामिल थे।
भक्तों ने श्रद्धापूर्वक श्री राम चरित मानस की कथा का श्रवण किया और भगवान राम के आदर्श जीवन से प्रेरणा प्राप्त की।
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