
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । नानपारा आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र पर पौध संरक्षण अनुभाग द्वारा एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ शशिकांत यादव ने किया जिसमें उन्होंने कृषकों को आई.पी.एम. अर्थात एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन अपनाकर विषरहित और निरोगी जीवन की ओर कदम बढ़ाने की सलाह दी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शैलेंद्र सिंह ने बताया कि दिन प्रतिदिन फसलों में रसायनों के बढ़ते प्रयोग के कारण कीटों तथा अन्य रोग कारकों में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो रही है तथा मित्र कीटों की की संख्या नगण्य होती जा रही है, साथ ही वातावरण मनुष्य एवं अन्य जीवों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।इसी कारणवश आई.पी.एम. विधि अपनाना अनिवार्य होता चला जा रहा है केन्द्र की पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ हर्षिता ने आई.पी.एम. को फसल सुरक्षा के सभी मिले-जुले उपायों का समावेश बताया जिससे की हानिकारक जीवों की संख्या आर्थिक क्षति स्तर से नीचे बनी रहे। उन्होंने आईपीएम के अंतर्गत व्यवहारिक, यांत्रिक, अनुवांशिक, जैविक तथा रासायनिक नियंत्रण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पादप प्रजनन वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार ने फसलों के विभिन्न रोग रोधी किस्मों के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक अजीत सिंह, विनोद कुमार, संजय श्रीवास्तव, कैलाश नाथ वर्मा, मयाराम, निरंजन लाल, सजन कुमार, सुभाष चंद्र, उदित नारायण, रंजना देवी, शांति देवी, मीरा चौधरी शामिल रहे।
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