बलिया (राष्ट्र की परम्परा)
अंजुमन हाशिमिया बिशुनीपुर के तत्वावधान में हर वर्ष की भांति इस बार भी 22 सितम्बर की देर रात शिया जामा मस्जिद के सामने शोहदाए कर्बला की याद मे चेहल्लुम की पूर्व संध्या शिया जामा मस्जिद स्थित इमाम बारगाह में मजलिसे अजा बरपा हुई, जिसे मौलाना बाकर बलियावी ने खिताब किया। इस के बाद आग का मातम हुआ। जिसमें हुसैनी अजादारो ने अंगारों पर लबैक या हुसैन की सदाओं के साथ कर्बला की सरजमींन जिसमें अंगारों से भी ज्यादा तपीश थी, पर दुनिया से मिट रही इन्सानियत को बचाने के लिए अपने परिजन जिसमें दुधमुंहे बच्चे, अली असगर और इष्टों के साथ 72 लोगो की बेमिसाल कुर्बानी पेश कर आलमे इन्सानियत की हिफाजत की। इस गमों में डूबे हुए मंजर को देखकर लोगों की आंखें भीग गयी। इस अवसर पर आसपास के मोमेनीनो ने शिरकत किया। नौहा खानी अली जैदी ने किया। अंगारों पर मातम के अवसर पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की व्यवस्था व सहयोग सराहनीय रहा। अंगारों पर मातम करने वालों में कमसिन बच्चे, नौजवान और बुजुर्ग भी शामिल रहे। जिसमें आसिफ हुसैन,कामयाब हुसैन, डा.इल्तेजा हुसैन, महफूज आलम, मंजर मौलाई, शाहकार नकवी, अली जैदी, जैनुलाअबदीन ज़ैदी, लक्की हैदर, जरी हैदर, डा.सलीस हैदर जैदी, हसरत हुसैन,कायम हुसैन, दिलदार हुसैन, मौ.कुमैलहुसैन आदि लोग मौजूद रहे।
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