शाहजहांपुर (राष्ट्र की परम्परा)l जैतीपुर कस्बे श्रीराम जानकी रामलीला मेला में रविवार को दिखाया कि हनुमान लंका से माता सीता का पता लगाकर लौटते हैं तो राम दल में खुशी छा जाती है। राम हनुमान से कहते हैं कि हनुमत मैं आज से आपका ऋणी हो गया हूं। बाद में वानर सेना समुद्र किनारे डेरा डालती है। रावण के दूत उसे बताते हैं कि राम की सेना समुद्र के पार पहुंच गई है।इसके बाद भगवान राम समुद्र से रास्ता मांग रहे होते हैं, इसके बाद नल, नील वानर सेना के साथ समुद्र पर पुल बांधते है। पुल बनने के बाद राम की सेना लंका में प्रवेश करती है। राम युद्ध से पहले अंगद को दूत बनाकर रावण के दरबार में भेजते हैं।अंगद वापस आते हैं और राम से कहते हैं कि प्रभु रावण अभिमानी है। युद्ध करने के लिए तत्पर है। युद्ध के लिए सेना तैयार होती है रणभेरी बजती है और सेना युद्ध के लिए प्रस्थान करती है। मेघनाथ और लक्ष्मण के बीच घमासान युद्ध शुरू हो जाता है। लक्ष्मण मेघनाथ के सारे अस्त्रों को विफल कर देते हैं। मेघनाथ शक्ति बाण छोड़ता है जिससे लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। रामादल में हाहाकार मच जाता है। राम भी शोक में डूब जाते हैं। इसके बाद विभीषण के कहने पर हनुमान सुषेन वैद्य को लाते हैं।वह संजीवनी बूटी लाने को कहते हैं । ऋष्यमूक पर्वत से हनुमान संजीवनी बूटी लेकर पहुंचते हैं और लक्ष्मण होश में आ जाते हैं। जय श्रीराम के उदघोष होता है।
रामलीला में संजीवनी प्रसंग का मंचन लक्ष्मण के चेतने पर गूंजा जय श्रीराम
RELATED ARTICLES
