समाधान योजना का लाभ न लेने पर लगता 33 लाख 36 हजार रुपए का जुर्माना
जिलाधिकारी ने संबंधित पक्षकारों से स्टांप कमी के वादों के निस्तारण हेतु वर्तमान में संचालित समाधान योजना का लाभ लेने का किया अपील
मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से स्टांप कमी से संबंधित वादों के निस्तारण में तेजी लाने तथा पक्षकारों को कुल जुर्माने की राशि जमा न करने हेतु लाई गई समाधान योजना के तहत इस माह में अब तक जिला अधिकारी के कोर्ट में कुल 5 लोगों ने समाधान योजना का लाभ लेते हुए स्टांप कमी एवं ब्याज के अलावा मात्र 100 रुपये के जुर्माना के साथ अपने वादों का निस्तारण कराया। अगर इन पक्षकारों ने समाधान योजना का लाभ न लिया होता तो निर्धारित जुर्माने के साथ कुल 33.36 लाख रुपए इन्हें जमा करने होते। जिन पचकारों ने समाधान योजना का लाभ लिया उनमें चौथी राम पुत्र बालेश्वर राम निवासी मेऊड़ीकला तहसील सदर,शाहिस्ता यासमीन पत्नी शाहनवाज अहमद निवासी मलिकपुरा परगना एवं तहसील घोसी, डॉक्टर प्रेम प्रकाश डॉक्टर शशि कला एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट चालीसवां परगना एवं तहसील मोहम्मदाबाद गोहना, उर्मिला पत्नी स्वर्गीय हरिकेश निवासी आरीपुर परगना एवं तहसील मोहम्मदाबाद गोहना तथा फहमीदा खातून पत्नी सरफराज अहमद निवासी मलिकपुरा कस्बा खास घोसी शामिल है। जिलाधिकारी ने ऐसे समस्त पक्षकारों से जिनका मुकदमा विभिन्न न्यायालयों में स्टांप कमी के संबंध में वर्तमान में चल रहा है, उनमें समाधान योजना का लाभ लेते हुए यथा शीघ्र मुकदमे के निस्तारण तथा मात्र ₹100 जुर्माना के साथ मूल स्टांप कमी के मूल्य तथा ब्याज को देकर मुकदमों से बचने की अपील की है। ज्ञातव्य है कि स्टांप कमी के वादों से संबंधित समाधान योजना 31 मार्च तक संचालित होगी।इस दौरान कोई भी पक्षकार संबंधित न्यायालय में स्टांप कमी के मूल्य एवं ब्याज तथा मात्र 100 रुपये का जुर्माना भर कर मुकदमों से छुटकारा पा सकता है।
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