October 6, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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व्यक्तित्व के विकास मे संवाद की भूमिका महत्वपूर्ण: प्रो. अनुभूति दुबे

आत्मनिर्भर भारत विषयक भाषण प्रतियोगिता मे पाँच आयामों पर चर्चा

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा सेवा पखवाड़ा के अन्तर्गत ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर वाद-संवाद व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें आत्मनिर्भर भारत के पाँच आयामों अर्थव्यवस्था, आधारभूत ढाँचा, जीवंत जनसांख्यिकी एवं प्रणाली पर गहन चर्चा हुई। भाषण प्रतियोगिता में कुल 32 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। जबकि संवाद कार्यक्रम में लगभग 100 छात्रों की सहभागिता रही।
निर्णायक पैनल में जज के रूप में प्रो. वीना बत्रा कुशवाहा एवं प्रो. पूजा सिंह ने प्रतिभागियों का चार आधारों पर मूल्याँकन किया। जिसमें कंटेंट, क्लैरिटी ऑफ़ वॉयस, बॉडी लैंग्वेज एवं टाइम मैनेजमेंट शामिल रहा। विजयी प्रतिभागियों को गाँधी जयंती के पर संवाद भवन में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। अन्य सभी छात्र-छात्राओं को सहभागिता का प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा।
डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दुबे ने सभी विद्यार्थियों का प्रतियोगिता में सहभागिता के लिए आभार प्रकट किया और प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सोंचने की क्षमता एवं व्यक्तित्व के विकास में भाषण प्रतियोगिता और संवाद की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आत्मनिर्भर भारत अभियान नए भारत का विज़न है। इसका उद्देश्य देश तथा इसके नागरिकों को हर तरह से स्वतंत्र एवं आत्मनिर्भर बनाना है। भाषण और संवाद प्रतियोगिता से पता चला कि इस दिशा में छात्रों की सोंच अन्त्यत सराहनीय और दूरदर्शी है।
कार्यक्रम में डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ लक्ष्मी मिश्रा, डॉ. आशीष शुक्ला, डॉ.प्रदीप साहनी, सर्वेश कुमार, प्रियंका गौतम, डॉ. आरती यादव, डॉ. संदीप यादव, डॉ.ऋतु सागर, डॉ. राहुल मिश्रा, डॉ. गीता सिंह, डॉ वंदना सिंह, डॉ. प्रियंका पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।उक्त जानकारी कार्यक्रम संयोजक डॉ. मनीष पाण्डेय ने दिया।

ये रहे विजयी प्रतिभागी
प्रथम स्थान: प्रकाश पाण्डेय, एलएलबी तृतीय वर्ष
द्वितीय स्थान: ख़ुशी गोंड, बीए तृतीय वर्ष
तृतीय स्थान: शिफ़ा वसीउल्लाह, बीए तृतीय वर्ष
सांत्वना पुरस्कार: अंकुर मिश्रा एमए राजनीतिशास्त्र, आर्या त्रिपाठी बीए तृतीय वर्ष, विपुल कुमार एमएससी प्राणिविज्ञान, दीपांश त्रिपाठी बीजेएमसीl