
भाटपार रानी, देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)।
नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित सार्वजनिक पोखरी गाटा संख्या 25 वर्षों से अवैध कब्जे का शिकार बनी हुई है। पोखरी की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए तहसील दिवस, मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल, जनता दर्शन और यहां तक कि आयुक्त स्तर तक कई बार प्रार्थना पत्र दिए गए, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
एक पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र राय ने बताया कि सार्वजनिक संपत्ति पर रामानन्द कुशवाहा, अनिल राय और मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे लोगों ने पक्की दीवारें खड़ी कर कब्जा जमा लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी द्वारा भले ही अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया गया, परंतु इस पोखरी पर कब्जा कर बैठे लोगों पर नजर तक नहीं डाली गई।
योगेन्द्र राय ने बताया कि कुल चार लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जा किया है, लेकिन राजस्व संहिता की धारा 67 के अंतर्गत कार्रवाई सिर्फ दो व्यक्तियों के विरुद्ध की गई है। अनिल राय और मोहम्मद शहाबुद्दीन को बचाने में जिम्मेदार अधिकारी ही लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि मौके पर अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बावजूद अधिकारियों ने इन दोनों पर कार्रवाई करने से परहेज किया। यह मामला पिछले 8 वर्षों से लंबित है और इसके समाधान के लिए वह लगातार उच्चाधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पोखरी को तत्काल अतिक्रमण मुक्त कर इसका संरक्षण किया जाए, ताकि जनहित में इसका उपयोग हो सके और कानून का राज स्थापित हो।
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