
शाहजहांपुर (राष्ट्र की परम्परा)। जैतीपुर विकासखंड क्षेत्र में प्रतिदिन शाम ढलते ही दर्जनों ट्रैक्टर गरजने लगते हैं, जो राजस्व विभाग को जमकर चूना लगा रहे हैं, बेहतरीन नजराने के कारण अवैध बालू व मिट्टी का कारोबार फल फूल रहा है। सरकार व अधिकारी कितना भी प्रयास कर ले पर अवैध खनन करने पर अंकुश लगाना बहुत ही मुश्किल है। शाम होते ही थाना जैतीपुर और गढ़िया रंगीन थाना क्षेत्र कई मशीने और दर्जनों ट्रैक्टर गरजने लगते हैं। रात्रि में इनकी हाई स्पीड ने यातायात व्यवस्था को भी फेल करके रख दिया है। रामगंगा नदी से चलकर कस्बे तक आने में इन्हें मात्र 10 मिनट का समय लगता है। रास्ते में पढ़ने वाले खेत खलियान को नुकसान पहुचाते है। जेसीबी द्वारा प्रतिदिन 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक खुदाई की जा रही हैं।
यह कस्बे सहित अन्य क्षेत्रों में अवैध बालू व मिट्टी की सप्लाई करते हैं। क्षेत्रीय पुलिस के संरक्षण में इनका गोरख धंधा फल फूल रहा है। जिसके साथ-साथ राजस्व को लाखों का चूना लगा रहे हैं। ना तो दर्जनों ट्रैक्टर के पास कोई परमिशन होती है न ही ट्रैक्टर चालकों के पास लाइसेंस। शराब के नशे में चालक वाहनों को बचाते हुए हाई स्पीड में निकल जाते हैं । हाई रेट में बालू की बिक्री होती है तो उससे थोड़े कम रुपए में एक ट्राली मिट्टी मिलती हैं। सत्ताधारी नेता के दबाव के चलते यह विभाग से परमीशन भी नहीं लेते है।
खर्चे के हिसाब से ही सरदार रेट तय करता है जो मिट्टी की ट्राली 800 रुपए में बिक्री होती थी, आज वह 1000 रुपए में डाली जा रही है वही अभी तक 2000 रुपए में बालू की ट्राली डाली जाती थी अब वह 3000 में हो गई है। वही जब ठेका के तौर पर कार्य किया जाता है तब उनके रेट अन्य होते हैं। डंप्पर से हो रहे खनन का तो रेट ही अलग है।
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