जिम्मेदार आला अधिकारियों व पूर्ति विभाग के संरक्षण में खुलेआम सरकारी खाद्यान्न के कालाबाजारी का धंधा जोरों से जारी
कर्नलगंज / गोण्डा (राष्ट्र की परम्परा)। स्थानीय तहसील क्षेत्र में जिम्मेदार अधिकारियों व पूर्ति विभाग के अवैध संरक्षण व मिलीभगत के चलते गरीबों का निवाला और उनका हक छीनने का काम जोरों से लगातार जारी है। यूं कहें कि गरीबों के हक पर खुलेआम डाका डालने वाले बहुत ही निर्भीक तथा बेखौफ हैं तो कुछ अतिश्योक्ति नहीं होगा। आपको बता दें कि इसका जीता जागता उदाहरण शनिवार को कर्नलगंज क्षेत्र में दोपहर बाद तब देखने को मिला जब कर्नलगंज तहसील तथा कोतवाली गेट के पास गोण्डा- लखनऊ हाइवे पर दिन दहाड़े एक सरकारी ट्रक में लदे सैकड़ों बोरें खाद्यान्न उतारकर खुलेआम एक गल्ला व्यापारी के दुकान पर बिक्री किया गया और मामला प्रकाश में तब आया जब उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें गाड़ी नंबर UP 43 T 1718 ट्रक से सरकारी खाद्यान्न उतारा जा रहा है। वहीं क्षेत्र के कुछ स्वतंत्र निर्भीक पत्रकारों ने उच्चाधिकारियों को ट्वीट व अन्य माध्यमों से अवगत कराया और सोशल मीडिया, न्यूज़ पर भी यह वायरल वीडियो प्रमुखता के साथ दिखाया गया। जिसका अधिकारियों ने संज्ञान लेकर मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन करनी शुरू कर दी और तब दुकानदार द्वारा बताया गया कि उसने खाद्यान्न खरीदा है। इसी क्रम में उपजिलाधिकारी कर्नलगंज हीरालाल ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल के दौरान सरकारी ट्रक से उतारे गए खाद्यान्न के बेंचे जाने की जानकारी ली और तहसील कर्नलगंज के निकट जनता ट्रेडिंग कंपनी (खाद्यान्न आढ़ती) के यहाँ छापेमारी करके 202 बोरी चावल सरकारी खाद्यान्न बरामद किया है। जिस पर उन्होंने पूर्ति निरीक्षक को बुलाकर मामले में कार्रवाई करने का आदेश जारी किया। इस मामले में उप जिलाधिकारी हीरालाल ने बताया कि एक ट्रक से सरकारी खाद्यान्न उतारने की सूचना मिली थी जिससे मौके पर पहुंचकर जांच की गई लेकिन वाहन तब तक जा चुका था,ट्रक के लोकेशन को देखते हुए पता किया गया तो एक जनता ट्रेडिंग कंपनी है जो आढ़तियां हैं उनके यहाँ 202 बोरी चावल उतारा गया था। जो सरकारी वाहन में लगी गाड़ी से खाद्यान्न उतार कर बेचा गया है और खरीदने वाले दुकानदार ने भी इसे स्वीकार किया है। मामले में आगे की जांच कार्यवाही चल रही है जो विधिक कार्यवाही होगी कराई जायेगी। वहीं जब उक्त खाद्यान्न बिक्री मामले में पूर्ति निरीक्षक बालेश्वर मणि त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने गोल मोल जवाब दिया। मालूम हो सरकारी खाद्यान्न के कालाबाजारी की यह पहली घटना नहीं है इसके पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अब गंभीर सवाल यह उठता है कि कहीं इस खाद्यान्न कालाबाजारी के हो रहे पूरे खेल में जिम्मेदारों का पर्दे के पीछे से हाथ तो नहीं। फिलहाल ये उच्च स्तरीय जांच का विषय है। अब देखना यह यह है आला अधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है और इस खुले आम चल रहे गोरख धंधे पर अंकुश लगता है या नहीं?
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