फर्जी मेडिकल लाइसेंस पर संचालन होता है सैकड़ों मेडिकल स्टोर

दवा माफिया क्षेत्र में सीज मेडिकल स्टोर भी चला रहे तेजी से

अब गांव मे संचालित मेडिकल स्टोर से बढ़ रही हैं नशीली दवाओं की सप्लाई

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।उत्तर प्रदेश सरकार जहां प्रदेश भर में स्वस्थ्य भारत स्वच्छ भारत का नारा दे रही है वहीं मेडिकल स्टोर के क्षेत्र में डिग्री धारकों को लाइसेंस देकर प्रदेश की लोगों को सुचारू रूप से मेडिकल स्टोर से दवा उपलब्ध हो सके और फर्जी मेडिकल स्टोर पर कड़ा रुख अपनाकर सरकार अलग रूप मे पहचान बना रही है वही जनपद में चौक क्षेत्र, व बागापार क्षेत्र में सैकड़ों मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहे हैं जो फर्जी लाइसेंस बनवाकर क्षेत्र में मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं। जिससे आए दिन गलत दवा देकर लोगों को काफी परेशान किया जाता है तथा उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है। आए दिन मरीज की हालत गंभीर होने से जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों में दम घुटते देखा जा रहा है। क्षेत्र में ऐसी कई घटनाएं आए दिन उजागर हुई है जिससे बिना फार्मासिस्ट के संचालन से मेडिकल स्टोर से गलत दवा के इंफेक्शन से मरीजों की हालत बुरी हो गई है। कारण यह है कि बिना अनुभव के झोलाछाप डॉक्टर गलत दवा देकर मरीजों का दवा करते हैं जिसमें मरीजों पर काफी प्रभाव पड़ता है। ड्रग अधिनियम के अंतर्गत यह कानूनी जुर्म है यही नहीं क्षेत्र में सैकड़ों मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाओं का कारोबार भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चौक बाजार क्षेत्र मे नंदाभार, करौता ,परसौनी, टीकर ,सेखुई,औराटार,मधुवनी ,केवला पुर ,बेलभरिया ,झनझनपुर,एवं बागापार क्षेत्र मे फुरसत पुर ,रामपुर , लखिमा थरुआ,कटहरा,विजय पुर,झुगवां, परासखाड़ , आदि जगहों पर सैकड़ों मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहे हैं जो फर्जी लाइसेंस बनवाकर क्षेत्र में मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं जिससे आए दिन गलत दवा देकर लोगों को काफी परेशान किया जाता है। मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाता है। ऐसे मेडिकल स्टोरों के खिलाफ ड्रग विभाग द्वारा समय समय पर छापामारी करके कार्यवाही भी किया जाता है लेकिन इन पर कोई असर नही पड़ता है। यही नही चौक व बागापार क्षेत्र मे औषधि निरीक्षक के द्वारा दर्जनों मेडिकल स्टोरों पर हुए कार्यवाही के दौरान सीज किए गये मेडिकल स्टोर भी बड़ी तेजी से चल रहे हैं लेकिन ड्रग विभाग द्वारा इन फर्जी मेडिकल स्टोरों पर कोई विधिक कार्यवाही नही किया गया। जिससे आज भी इनका हौंसला बुलन्द है।
इस विषय पर फार्मेसी एण्ड फार्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष सिंह ने कहा कि फर्जी लाइसेंस के मेडिकल स्टोर के संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार व उच्च न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए कहां है कि मेडिकल स्टोर संचालक एवं फार्मासिस्ट के आधार कार्ड से लिंक करके मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जारी किया जाए किंतु उच्च न्यायालय के आदेश व प्रदेश सरकार की आदेशों के बावजूद ड्रग विभाग के लापरवाह अधिकारियों की मिली भगत से फर्जी लाइसेंस से मेडिकल स्टोरों का संचालन करके जिले मे पर्याप्त मात्रा में नशीली दवाओं का कारोबार होता है जो विगत भारत-नेपाल सीमा पर समाचार के पत्र के माध्यम से आए दिन देखने को मिलता है
इस विषय पर औषधि निरीक्षक शिव कुमार नायक ने कहा कि फर्जी लाइसेंस के मेडिकल स्टोरों पर छापामारी करके कार्यवाही भी किया जायेगा। सीज हुए मेडिकल स्टोर खुले होने पर ड्रग अधिनियम के अंतर्गत विधिक कार्यवाही करके जेल भेजा जायेगा।