शाहजहांपुर ( राष्ट्र की परम्परा) गढ़िया रंगीन से आई एक तस्वीर ने सबको झकझोर दिया है! प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर एक गाय घंटों से मृत पड़ी है — और प्रशासन के जिम्मेदार लोग बस मुँह फेर कर गुजर रहे हैं।
ग्रामीणों ने गांव के प्रधान और थाना गढ़िया रंगीन के इंस्पेक्टर को सूचना दी, लेकिन दोनों ने कहा — “ये हमारा काम नहीं है।”
अब सवाल उठता है — अगर किसी बेजुबान की लाश भी सिस्टम नहीं उठा सकता, तो आखिर किसके लिए ये जिम्मेदारियां हैं?
धूप में सड़ती गाय, बदबू से परेशान मरीज और आसपास का इलाका…
यह नज़ारा सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि संवेदना की मौत की कहानी कह रहा है।
ग्रामीणों का कहना है —
“जहां इलाज मिलना चाहिए था, वहां अब बीमारी फैलने का डर है। प्रशासन सो रहा है, इंसानियत रो रही है।”
गढ़िया रंगीन की यह तस्वीर अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है — लोग पूछ रहे हैं,
“क्या गाय सिर्फ नारों में पूजी जाती है, या ज़मीन पर भी कोई कीमत रखती है?”
इंसानियत बेमौत मरी — मृत गाय को नहीं मिला अंतिम संस्कार
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