
डाॅ.गिरिजेश वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक के द्वारा हीटवेव से बचाव हेतु जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया जिसमे हीटवेव एडवाइजरी के अनुसार लोगों को निम्न बिन्दुओं पर जानकरी प्रदान की गई।
1.भरपूर मात्रा में पानी पिएं
दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे।
नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी और ओआरएस आदि पिएं, ताकि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो।
चाय, कॉफी और अल्कोहल से बचें, क्योंकि यह डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं।
2.हल्के और सूती कपड़े पहनें
गहरे रंग के कपड़ों की बजाय हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें।
सूती या लिनन के कपड़े पसीना सोखते हैं और शरीर को ठंडा रखते हैं।
सिर को ढकने के लिए टोपी, स्कार्फ या छाते का इस्तेमाल करें।
3.धूप में निकलने से बचें
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक घर के अंदर रहें क्योंकि इस समय सूरज की किरणें सबसे तेज होती हैं।
अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो छाया में चलें और सनस्क्रीन लगाकर ही निकलें।
4.घर को ठंडा रखें
पर्दे और खिड़कियां दिन में बंद रखें, ताकि गर्म हवा अंदर न आए।
रात में खिड़कियां खोलें, ताकि वेंटिलेशन हो सके और उमस के कारण घुटन महसूस न हो।
कूलर, पंखे या एसी का इस्तेमाल करें। अगर यह उपलब्ध न हो, तो गीले कपड़े से पंखा चलाएं।
5.हल्का और पौष्टिक खाना खाएं
तला-भुना और मसालेदार खाने से परहेज करें।
डाइट में मौसमी फलों को शामिल करें, खासकर तरबूज, खीरा, संतरा और आम का पन्ना।
दही, छाछ और सलाद को भी डाइट में शामिल करें।
6.ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी न करें
इंटेंस एक्सरसाइज या मेहनत वाले काम धूप में न करें।
अगर काम करना जरूरी हो, तो बीच-बीच में आराम करें और पानी पीते रहें।
7.बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें
बच्चे और बुजुर्ग हीट वेव के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, इसलिए उन्हें धूप से बचाएं और घर में रहने की सलाह दें।
उन्हें हल्के कपड़े पहनाएं और लगातार पानी पिलाते रहें।
8.हीट स्ट्रोक के लक्षण पहचानें
अगर किसी को तेज बुखार, सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत
डॉक्टर सम्पर्क करें।
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