
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
देश के जाने माने प्रख्यात ज्योतिर्विद डॉ अरविन्द त्रिपाठी ने कहा कि फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी 13 मार्च दिन गुरूवार को पूर्णिमा तिथि। जिसका मान 10 बजकर 2 मिनट दिन से प्रारम्भ हो रहा है। अतः दिन 10 बजे 2 मिनट दिन से पूर्णिमा तिथि लग जायेगी। जब जब की भद्रा 10 बजकर 37 मिनट रात्रि तक रहेगा। वहीं रात्रि में पूर्णिमा तिथि 13 मार्च गुरुवार को ही मिलेगी तथा भद्राकाल की समाप्ति हो जायेगी। अतः भद्राकाल के समाप्त के बाद रात्रि 10 बजकर 37 के बाद होलिका दहन किया जायेगा। इसी समय दुण्डा राक्षस का पूजन कर “ॐ होलिकायै नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए विधि विधान से होलिका दहन किया जायेगा। काशी की अपनी परम्परा के अनुसार होलिका दहन के बाद से ही रंग की होली प्रारम्भ
हो जाती है।शास्त्रीय प्रमाण एवं परम्परा के अनुसार उद्या तिथि चैत्र कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि को ही रंग की होली रंगोत्सव तथा घुरेड्डी का पर्व धूलि वन्दन मनाया जाता है, तदनुसार 15 मार्च 2025 दिन-शनिवार को को रंग की होली का पर्व काशी से अन्पत्त्र सर्वत्र मनाया जायेगा। आज होलिका भस्म को मस्तक पर स्पर्श कराकर आगामी संवत्सर की कुशलता के लिए मंगल कामना की जायेगी। सनातन धर्मियों का यह महापर्व अद्भुत एवं अनुलनीय है। परस्पर सद्भावना, प्रेम-सौहार्द का संदेश देता यह पर्व एव के साथ अभिमान को दूर कर देता है तथा मानव के साथ-साथ पशुओं से भी प्रेम की भावना प्रदर्शित करने का संदेश देता है। ऐसा स्नेह पूर्व औदार्य केवल भारतीय परम्परा में ही संभव है।
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