रोटी के पड़े लाले, बच्चों की पढ़ाई में संकट
कर्ज लेकर घर का खर्च चला रहे ग्राम रोजगार सेवक
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। जिले के ग्राम रोजगार सेवकों को छः माह से मानदेय नहीं दिया गया है। मानदेय न मिलने से ग्राम रोजगार सेवक अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में अपने आप को अक्षम महसूस कर रहे हैं मानदेय समय से न मिलने की वजह से कर्जदार हो गए हैं। इस होली में भी मानदेय नहीं मिलने से रोजगार सेवकों की चिंता और बढ़ गई है। चिंता है कि होली कैसे मनाएंगे। बच्चों का रंग गुलाब कहां से खरीदेंगे। मेहमानों व दोस्तों को घर बुलाकर कैसे मुंह मीठा कराएंगे। मनरेगा कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए दिसंबर 2007 में प्रत्येक गांव में ग्राम रोजगार सेवकों की भर्ती की गई थी। सरकार की मंशा थी कि गांव में ही गरीब बेरोजगारों को रोजगार मुहैया होगा । मौजूदा समय में जिले में 697 रोजगार सेवक कार्यरत हैं। नियुक्ति के समय रोजगार सेवकों का मानदेय दो हजार रूपये था। लेकिन अब बढ़कर दस हजार रूपये हो गया है। इपीएफ कटौती के बाद महज 7788/- ही उनको मानदेय के रूप में मिलता है, लेकिन इतना अल्प मानदेय भी समय से नहीं मिलता। ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रह्मनंद ने बताया कि महंगाई कई गुना बढ़ गई है। लेकिन उसकी अपेक्षा मानेदय नहीं बढ़ाया गया है। इतना ही नहीं जो मानदेय मिलना चाहिए वह भी समय से नहीं मिल रहा है। अक्तूबर से मानदेय नहीं मिला है। ग्राम रोजगार सेवकों को कर्ज लेकर परिवार का भरण पोषण करना पड़ रहा है। कई ऐसे ग्राम रोजगार सेवक हैं जो पैसे के अभाव में परिवार के लोगों को उपचार नहीं करा पा रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ने यह भी बताया कि चार अक्तूबर 2021 को सरकार ने डिफेंस एक्सपो पार्क लखनऊ में प्रदेश के सभी ग्राम रोजगार सेवकों व मनरेगा कर्मियों के बीच सुनहरा भविष्य दिखाकर कई घोषणाएं किया था। लेकिन आज तक वादा पूरा नहीं किया गया। ग्राम रोजगार सेवक बंधु मद्धेशिया ब्लाक अध्यक्ष घुघली ,राहुल गुप्ता ब्लाक महामंत्री घुघली, संगीता पाण्डेय, अंजना गुप्ता, इंद्रमणि विश्वकर्मा , ओमप्रकाश, सर्वेश मद्धेशिया, धर्मेन्द्र, रामाशीष, चंद्रिका, राम केश्वर,रैना, अमजद खान, सोनू पटेल, बजरंगी साहनी, रईस अहमद,मोहनलाल गुप्ता, वीरेंद्र गुप्ता, अनामिका उपाध्याय, अंबालिका सिंह, शिल्पी राय, लालजी प्रसाद, परशुराम साहनी, ओम हरि शर्मा, संजय चौधरी, जयराम शर्मा, बुधिराम प्रसाद, अमेरिका प्रसाद, रामानंद पटेल, नीतू पांडेय, आदि ग्राम रोजगार सेवकों ने बताया कि होली में मानेदय की बड़ी उम्मीद थी। लेकिन निराशा हाथ लग रही है। महंगाई में परिवार का भरण- पोषण करना कठिन हो गया है।
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