November 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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इतिहास बनाने जा रहा इतिहास विभाग: कुलपति

स्वतंत्रता संघर्ष पर विमर्श: शामिल होंगे देश के नामचीन विद्वान: पद्मश्री प्रो.रघुवेंद्र तंवर, पद्मश्री डॉ.के.के. मोहम्मद, डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय व प्रो.वसंत शिंदे

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 25-26 सितंबर, 2024 को आयोजित ‘रिवॉल्यूशनरी मूवमेंट: द मिसिंग पेज फ्रॉम हिस्ट्री’ विषयक दो दिवसीय विचारोत्तेजक राष्ट्रीय संगोष्ठी संवाद भवन में आयोजित होने जा रही है।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इस संगोष्ठी से सम्बंधित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, दिल्ली के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो.रघुवेंद्र तंवर उपस्थित रहेंगे। प्रफुल्ल केतकर, डॉ. बालमुकुंद पाण्डेय एवं अनंत विजय आदि विद्वानों के महत्वपूर्ण व्याख्यान सुनने का सुनहरा अवसर होगा। संगोष्ठी में स्वतंत्रता संघर्ष के उन नायकों व घटनाओं के उल्लेख व योगदान पर विमर्श होगा, जो इतिहास की किताबों में दर्ज नहीं हो पाए। किन्तु जिनके अब व्यापक व मजबूत साक्ष्य भारतीय अभिलेखागार में मौजूद हैं। इस विमर्श में देशभर के लब्धप्रतिष्ठ इतिहासविद व पूरातात्विक विशेषज्ञ शामिल होंगे। समुचित इतिहास के निर्माण में यह संगोष्ठी निर्णायक भूमिका अदा करेगी।
इस अवसर पर कुल सचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी, आईसीएचआर के सदस्य प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी, इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे। प्रो. मनोज तिवारी ने कहा कि दबे पड़े व नवीन उपलब्ध साक्ष्यों के आलोक में इतिहास को बारम्बार देखने व विचार करने की जरुरत है.

संगोष्ठी में आयोजित होंगे दो विशिष्ट व्याख्यान
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में छः तकनीकी सत्रों के अतिरिक्त दो विशेष व्याख्यान सत्र भी आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 25 सितंबर को ‘आर्यन इश्यूज इन द लाइट ऑफ़ आर्कियोजेनेटिक रिसर्च’ विषय पर प्रो. वसंत शिंदे तथा 26 सितंबर को ‘आर्कियोलॉजी ऑफ रामायण एंड महाभारत’ विषय पर पद्मश्री डॉ. के. के. मोहम्मद का व्याख्यान होगा।
स्वतंत्रता संघर्ष पर आयोजित होगी सात दिवसीय प्रदर्शनी

राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर विश्वविद्यालय के ‘अमृता कला वीथिका’ में सात दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी आई सी एच आर द्वारा तैयार की गई है, जो दिल्ली से बाहर देश में पहली बार गोरखपुर में लग रही है. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा किया गया है. आई सी एच आर के सदस्य प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि इस प्रदर्शनी का दिल्ली से बाहर पहली बार गोरखपुर विश्वविद्यालय में लगना महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह प्रदर्शनी स्वतंत्रता संघर्ष के विभिन्न अनदेखे पहलुओं व घटनाओं की दिलचस्प जानकारी उपलब्ध कराएगी।