लखनऊ,(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन और यूपीएसएलडीसी के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 का टैरिफ आदेश जारी कर दिया है। इस बार आयोग ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार ट्रांसमिशन शुल्क का निर्धारण प्रति यूनिट दर की जगह प्रति मेगावाट प्रति माह के आधार पर किया है।
आयोग के इस नए निर्णय से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी। साथ ही, सिस्टम के रखरखाव व आधुनिकीकरण के लिए आवश्यक संसाधन भी सुनिश्चित होंगे।
राज्य के डिस्कॉम (DISCOMs) और भारतीय रेल को अब पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को
₹2,13,284 प्रति मेगावाट प्रति माह भुगतान करना होगा।
वहीं, ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं से पहले की तरह 26 पैसे प्रति यूनिट की दर से शुल्क लिया जाएगा।
उपभोक्ताओं को होगा लाभ
नई व्यवस्था से पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का कैश फ्लो नियमित बना रहेगा, जिससे
सिस्टम अपग्रेडेशन और रखरखाव में आसानी होगी।
डिस्कॉम और कॉरपोरेशन पर वित्तीय दबाव कम होगा।
अप्रत्यक्ष रूप से आम उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम यूपी की बिजली आपूर्ति प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय व सुदृढ़ बनाने में सहायक होगा।
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