February 23, 2025

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आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे तीन कैदियों को हाईकोर्ट ने किया दोषमुक्त, जेल से हुए रिहा

हाईकोर्ट इलाहाबाद ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे तीन निर्दोष व्यक्तियों को दोषमुक्त कर किया रिहा

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।जनपद के अपर न्यायाधीश द्वारा दहेज हत्या के एक 12 वर्ष पुराने मामले में घुघली थाना क्षेत्र घुघली बुजुर्ग के पांच व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया था। इस मामले में दो व्यक्ति पहले ही रिहा किए जा चुके थे। शेष बचे तीन व्यक्ति जिला कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। आजीवन कारावास की सजा काट रहे घुघली बुजुर्ग, थाना घुघली, जनपद महराजगंज के निवासी राधे जायसवाल पुत्र रंगी जायसवाल, मुन्ना जायसवाल पुत्र राधे जायसवाल और सीता देवी पत्नी मुन्ना जायसवाल को दोष मुक्त करने का फैसला सुनाया था, जिन्हे देर शाम जिला जेल से रिहा किया गया। सितंबर 2012 में बहु गुड़िया की जलकर मृत्यु हो गई थी। इस मामले में गुड़िया के मायके वालों ने ससुरालियों के विरुद्ध दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में जिला न्यायालय द्वारा वर्ष 2014 में सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया था। जिला न्यायालय में अपील के दौरान ही राधे जायसवाल की घर की माली हालत इतनी खराब हो गई। उनका पैरवी करने के लिए जब कोई आगे नहीं आया तो जोगिया ब्रह्मस्थान मठ के महंत बालक दास ने इस परिवार का देखभाल ही नहीं बल्कि मुकदमें का पूरा खर्च भी उठाया और हाईकोर्ट इलाहाबाद में अपील दाखिल कर राधे जायसवाल के परिवार का आजीवन कारावास से बेल करने के लिए कई बार प्रयास किया गया लेकिन बेल न मिलने के कारण विद्वान अधिवक्ता राज किशोर यादव इलाहाबाद द्वारा सिफारिश कर फाइनल बहस करने के लिए निवेदन किया गया। विद्वान अधिवक्ता ने सही तथ्यों का जिरह और बहस कर अपना निर्णय दिया कि जिला न्यायालय ने गलत तथ्य पर सजा किया है। हाई कोर्ट इलाहाबाद ने सभी तीनों व्यक्तियों को बीते 6 मार्च 2024 को दोषमुक्त करते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दे दिया। इसके पूर्व आजीवन कारावास की सजा काट रही बयोवृद्ध महिला कौशल्या देवी को उनकी वृद्धावस्था को देखते हुए महामहिम राज्यपाल मार्च 2019 में रिहा कर दिया था। रिहाई के बाद राधे जायसवाल का परिवार जेल से बाहर होकर जोगिया मठ के महंत बालक दास के मठ में पहुंचकर अपार खुशी जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना था कि निर्दोष होने के बाद भी उन्हें जेल की सजा भुगतनी पड़ी। अंततः उन्हें न्याय मिला। इस बात की बेहद खुशी है।