खण्ड विकास अधिकारी प्रीति वर्मा मौन
रामनगर/बाराबंकी (राष्ट्र की परम्परा)
ग्राम पंचायत करमुल्लापुर ग्राम भिटौली के निवासी समित अवस्थी पुत्र अमरनाथ अवस्थी का कहना है कि, प्रधानमंत्री आवास मेरे नाम से सेंट्रल सूची में पारित हुआ था। इसमें
पूर्व में ग्राम विकास अधिकारी रोहित वर्मा, ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा कई प्रकार की हेरा फेरी कीया गया था। मैं एक पत्रकार होने के कारण ग्राम विकास अधिकारी रोहित वर्मा व ग्राम पंचायत करमुल्लापुर पूर्व में ग्राम पंचायत अधिकारी की हेराफेरी को उजागर करने के कारण वह हमसे रंजिश रखते थे।
इस रंजिश के कारण प्रधानमंत्री आवास में सेंट्रल सूची से नाम हटा दिया था, वही समित अवस्थी का कहना है कि तहसील दिवस पर तहसील रामनगर में प्रार्थना पत्र देकर रिपोर्ट लगवाई गई है।जिसमे खंड विकास अधिकारी सूरतगंज, सहायक विकास अधिकारियों द्वारा दर्शाया गया की समित अवस्थी पुत्र अमरनाथ अवस्थी आवास हेतु पात्र हैं और साथ ही मैजुदा ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा रिपोर्ट दी गई कि, यह छप्पर नुमा मकान में रहते हैं जो बरसात के कारण गिर गया था जिसका ग्रामीणों की उपस्थिति में जांच की गई थी|
उनका यह भी कहना है की मैं 2 साल से लगातार अपने परिवार (2 बच्चों ) सहित छप्पर में निवास करता था। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है की पिछले वर्ष बरसात में छपर गिर जाने के कारण मेरे गांव में एक मंदिर बना हुआ हैं चारों तरफ बाउंड्री खींची हुई हैं, जिसमें मैं अपने परिवार को लेकर कर शर्णागत हूं।
लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था की रोहित वर्मा पूर्व में हमारे गांव से ग्राम पंचायत अधिकारी थे जो अंदर ही अंदर मुझसे जलन रखते थे।
उनके द्वारा फर्जी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई। जिससे अभी तक प्रधानमंत्री आवास पाने से वंचित हूं। समित अवस्थी का यह भी कहना है की कुछ रिपोर्ट मुझे मिली है, जिसमें अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास पात्र की रिपोर्ट लगाई गई है। जो साक्ष्य के रूप में मेरे पास उपस्थित है। मैंने एक प्रार्थना पत्र उप जिला अधिकारी को दिया था। जिसमें जांच के लिए टीम गठित की गई थी और टीम के द्वारा पात्र घोषित किया गया। अब प्रार्थी को रिपोर्ट मिला है, और उसके खुशी का ठिकाना न रहा और उसके जीवन में एक नई किरण जाग गई हैं। किन्तु फिर भी समित अवस्थी रिपोर्टों का सहारा लेकर के प्रधानमंत्री आवास पाने के संबंध में दर दर- भटकने को मजबूर हैं
समित अवस्थी के द्वारा यह बताया गया कि कल हम सूरतगंज ब्लॉक पहुंचकर खंड विकास अधिकारी प्रीति वर्मा के समक्ष मैंने अपनी आपबीती सुनाई। लेकिन आपबीती सुनने के बाद उनके द्वारा कोई भी अश्वासन देना तो दूर रहा। साफ इनकार कर गई कि इसमें मैं कुछ नहीं कर सकती हूं। यह हाल है सूरतगंज ब्लॉक खंड विकास अधिकारी प्रीति वर्मा का।
अब देखना यह है कि समित अवस्थी जो प्रधानमंत्री आवास के पात्र हैं, इनको आवास उपलब्ध होता है कि इसी तरह दर-दर भटकते रहेंगे, या कभी प्रशासन के द्वारा न्याय मिलेगा?
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