July 6, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

गर्मी का कहर: बलिया जिला अस्पताल में 8 दिनों में 121 मौतों से मचा कोहराम

लखनऊ से आई टीम उठाएगी रहस्य से पर्दा

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)। जिले में प्रचंड गर्मी जानलेवा हो गई है। लोगों की जान पर आफत बन गई है। स्थिति चिंताजनक है। जिला अस्पताल में विगत 8 दिनों में 121 लोगों की मौत से कोहराम मचा है। इससे जिला प्रशासन सकते में आ गया है। आंकड़ों को कंट्रोल करना शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल की जिस बीएसटी में मरीजों के रेफर होने, बीमारी और मौत की जानकारी दर्ज की जाती है उसे हटा दिया गया है।

 रविवार सुबह सीएमओ डॉ. जयंत कुमार के साथ डीएम रविंद्र कुमार ने एक बयान जारी किया। बयान में उन्होंने गर्मी और हीट स्ट्रोक से मौत होने से इंकार करते हुए कहा है कि लखनऊ से आए एक्सपर्ट की टीम अस्पताल में हुई मौतों का राज खोलेगी। यहीं नहीं ये भी कहा कि हीट स्ट्रोक से मौत के संबंध में बयान देने पर ही तत्कालीन सीएमएस डॉ. दिवाकर सिंह को यहां से हटा दिया गया है। 

हर घंटे पांच से छह मरीज इमरजेंसी में हो रहे हैं भर्ती

बलिया जिले में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। हर घंटे पांच से छह मरीज इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं। इतना ही नहीं तमाम कोशिशों के बाद भी मौत का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।मरीजों की मौत विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने से हो रही है,जिससे प्रशासनिक स्तर पर खलबली मची है। रविवार सुबह से इमरजेंसी में दस्त, उल्टी आदि लक्षणों वाले मरीज आ रहे थे।अधिकतर को रेफर किया जा रहा था। मौतें भी हो रही हैं। शनिवार रात से समाचार लिखे जाने तक लगभग छह लोगों की मौत की सूचना है। बरहाल अस्पताल से अभी आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि लू से ही मौतें हुई हैं। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सामने आ सकेगी।

विशेष वार्ड भी बनाया गया

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। सीएचसी पीएचसी से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय हो गए हैं। इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ देखते हुए अतिरिक्त बेडों की संख्या बढ़ा दी गई। जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला अस्पताल प्रशासन ने 15 बेड का स्पेशल वार्ड खोला है। जिला अस्पताल में भर्ती होने के लिए आने वाले अधिकतर मरीजों की उम्र 60 से ऊपर है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सांस व ह्रदयघात की समस्या ज्यादा है।

लू से मौत का बयान देना भारी पड़ा

लू से मौतों पर बयान देना जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को भारी पड़ गया है। शासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दिवाकर सिंह को पद से हटा दिया। दिवाकर सिंह को आजमगढ़ मंडल जेडी बनाया गया है। जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. एके यादव को प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आजमगढ़ मंडल के अपर निदेशक डॉ. ओपी तिवारी शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे और डॉ. एके यादव को कार्यभार ग्रहण कराया। इसकी खबर लगते ही अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों में खलबली मच गई। डॉ. एसके यादव ने चार्ज लेने के बाद ईएमओ और फिजिशियन डॉक्टरों की आपात बैठक कर जिम्मेदारी भी सौंपी।

15 जून को गई थी 31 जानें
10 जून – 07
11 जून –05
12 जून –07
13 जून — 1
14 जून — 18
15 जून — 31
16 जून — 21
17 जून — 15