
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)विभाजन विभीषिका दिवस 14 अगस्त पर संगोष्ठी का आयोजन कर देश के बटवारे के बारे में संगोष्ठी आयोजित किया गया जिससे लोगो को बटवारे से उत्पन्न स्थिति की जानकारी हो सके।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये सांसद डा.रमापति राम त्रिपाठी ने कहा कि आज की संगोष्ठी का आयोजन इस उद्देश्य से हुआ कि लोगों को पता चले कि हमारी आजादी कितनी रक्त रंजित,लूट, हत्या और बलात्कार के साथ ली गई।कितने लोग बेघर हो गए, कितने लोगों की हत्याएं हुई। कितने लोग जो हवेली में रहते थे उन्हें झोपड़िया में और खुले में रहने को मजबूर होना पड़ा।लेकिन सत्ता की लालच में कांग्रेस द्वारा देश के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। नेहरू को देश के विभाजन का प्रस्ताव नहीं मानना चाहिए था अगर नेहरु नहीं मानते तो भारत-पाकिस्तान बांग्लादेश एक ही होते।ऐसे में चाहे खेल का मामला हो सेना का मामला हो या अन्य मामले हो भारत विश्व में एक राष्ट्र विश्व गुरु के नाम से प्रसिद्ध होता।परन्तु देश पर शासन करने की लालसा में कांग्रेस ने देश का बंटवारा जिन्ना से मिलकर किया।
प्राचार्य बीआरडीपीजी कालेज शरद चंद मिश्रा ने कहा कि देश में सभी को पता है कि 15 अगस्त और 26 जनवरी आजादी के उत्सव के रूप में मनाए जाते हैं। लेकिन अभी भी हमारे तमाम युवाओं और बच्चों को यह जानकारी नहीं है कि आजादी को पाने के लिए कितने लोगों ने अपने प्राण न्योछावर किए। कितने लोगों को विस्थापित होना पड़ा,कितनी माताएं बहने दर्द के मंजर से गुजरी, सभी लोग चाहेंगे कि यह सब कुछ दोबारा नहीं होना चाहिए।इसलिये विभाजन की इस विभीषिका को नौजवानों को जानना चाहिये।
जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के नेता नेहरू ने जिन्ना के साथ मिलकर जो बटवारे घिनौना खेल खेला उसका ही परिणाम रहा कि भारत 70 वर्षो तक विश्व मे उपेक्षित रहा।अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत धीरे-धीरे हर क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम कर रहा है।
संगोष्ठी की अध्यक्षता जिलाउपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने तथा संचालन जिला महामंत्री प्रमोद शाही ने किया।
इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष मारकंडेय शाही,विशम्भर मिश्रा,शशांक मणि,भूपेन्द्र सिंह,गंगा सिंह कुशवाहा,राजेश कुमार मिश्रा,कृष्णानाथ राय,अजय शाही,अर्चना पाण्डेय,रामदास मिश्रा,नित्यानंद पाण्डेय,अम्बिकेश पाण्डेय,निर्मला गौतम,सीमा जायसवाल,शिवकुमार राजभर,सतेंद्र मणि,विष्णु अग्रवाल,भारती शर्मा,बबिता चौहान,विनोद दीक्षित,सुनील मिश्रा,प्रवीण मल्ल,संजय पाण्डेय,गिरिजेश सिंह,प्रवीण निखर,हंसनाथ यादव,वीरेन्द्र सिंह आदि रहे।
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