नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के दौर में भी ग्रोथ मिडकैप म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के लिए सोने की खान साबित हो रहे हैं। पिछले तीन दशकों में इन फंड्स ने औसतन 22.2% की सालाना चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) से रिटर्न दिया है — जो किसी भी पारंपरिक निवेश विकल्प से कहीं बेहतर है।
निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिडकैप फंड ने रचा इतिहास
देश के सबसे पुराने म्यूचुअल फंड्स में से एक निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिडकैप फंड इस साल 30 वर्ष पूरे कर रहा है।
1995 में लॉन्च हुए इस फंड ने अब तक निवेशकों को 22.2% CAGR रिटर्न दिया है।
अगर किसी निवेशक ने शुरुआत में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो आज उसकी वैल्यू ₹4 करोड़ से अधिक होती!
यह प्रदर्शन बताता है कि लंबी अवधि के निवेश में मिडकैप फंड्स कितने प्रभावशाली साबित हो सकते हैं।
मिडकैप फंड्स क्यों दे रहे हैं शानदार रिटर्न
मिडकैप फंड्स उन कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी ग्रोथ क्षमता औसत से अधिक होती है।
इन कंपनियों के पास बाजार में आगे बढ़ने का स्पेस ज्यादा होता है, जिससे लंबी अवधि में उच्च रिटर्न की संभावना बढ़ती है।
साथ ही, ये फंड्स विविधीकृत पोर्टफोलियो बनाकर जोखिम को भी संतुलित रखते हैं।
10 वर्षों में 17–19% सालाना रिटर्न
आंकड़े दिखाते हैं कि पिछले 10 सालों में
Edelweiss Midcap Fund,
Kotak Emerging Equity Fund, और
Invesco Midcap Fund
जैसे नामी फंड्स ने निवेशकों को 17% से 19% के बीच का वार्षिक रिटर्न दिया है।
निप्पॉन इंडिया फंड की निवेश रणनीति
निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिडकैप फंड का सबसे ज्यादा निवेश वित्तीय क्षेत्र (25%) में है।
इसके अलावा—
17.47% उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र में,
17.03% औद्योगिक क्षेत्र में,
और बाकी राशि हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी, एनर्जी और मटेरियल सेक्टर में निवेशित है।
यह विविधीकरण न केवल जोखिम को कम करता है, बल्कि स्थिर ग्रोथ को भी सुनिश्चित करता है।
निवेशकों के लिए सबक
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निवेशक लंबी अवधि (10–15 वर्ष) तक निवेश बनाए रखें, तो मिडकैप फंड्स से बड़ी संपत्ति तैयार की जा सकती है।
शॉर्ट-टर्म मार्केट उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय अनुशासित निवेश से ही असली फायदा मिलता है।