पाकिस्तान की नीतियों से जनता त्रस्त, भारत से अंतरराष्ट्रीय मंच पर सशक्त हस्तक्षेप की मांग
जम्मू कश्मीर/जम्मू (राष्ट्र की परम्परा)
अखिल भारतीय स्वामी समर्थ गुरु पीठ, त्र्यंबकेश्वर (नासिक) से जुड़े सोशल वर्कर सनी कपाही, जो स्वामी समर्थ केंद्र, जम्मू–पुंछ में बाल संस्कार सेवक एवं स्टेट कोऑर्डिनेटर हैं, ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लगातार बढ़ रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नियंत्रण वाले अज़ाद कश्मीर में स्थानीय नागरिक वर्षों से राजनीतिक उत्पीड़न, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक और सैन्य दमन का सामना कर रहे हैं। हाल के जनविरोधों ने स्पष्ट कर दिया है कि वहाँ की जनता अब कठपुतली सरकारों और झूठे लोकतंत्र के आवरण को स्वीकार करने से इनकार कर रही है। यह परिस्थिति अब गंभीर मानवाधिकार संकट का रूप ले चुकी है।
सनी कपाही के अनुसार, भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ सीमा क्षेत्रों में पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेवा प्रमुख उपेन्द्र त्रिवेदी ने यह स्पष्ट किया है कि थल, वायु और नौसेना किसी भी नापाक हरकत का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, और आवश्यक सैन्य अभियान जारी हैं।
उन्होंने भारत सरकार और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से अपील की कि संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को प्रखरता से उठाया जाए, ताकि पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और मानवाधिकार हनन को विश्व समुदाय के सामने उजागर किया जा सके। साथ ही, सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा, राहत और तात्कालिक आश्रय की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
अंत में, सनी कपाही ने देशवासियों से अपील की कि वे अफवाहों से दूर रहें, शांति और एकता बनाए रखें, तथा किसी भी असामाजिक या देशविरोधी गतिविधि से स्वयं को दूर रखें। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग देश की एकता के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।