July 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था की शाकाहार-सदाचार यात्रा का भव्य स्वागत

संत पंकज महाराज के प्रवचनों ने बांधा समां

उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के तत्वावधान में चल रही 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार और मद्यनिषेध जनजागरण यात्रा का 55वां पड़ाव उतरौला के जोगीवीर गांव में हुआ। संस्थाध्यक्ष संत पंकज जी महाराज के सानिध्य में निकली इस यात्रा का स्थानीय निवासियों, बच्चों और प्रतापगढ़ संगत के लोगों ने भव्य स्वागत किया। पुष्पवर्षा, गाजा-बाजा और कलश यात्रा के साथ यात्रा का आयोजन हुआ, जो एक ऐतिहासिक आयोजन के रूप में लोगों के दिलों में छा गया।
संत पंकज महाराज के प्रवचनों की गूंज सत्संग समारोह में संत पंकज जी महाराज ने अपने प्रेरणादायक प्रवचनों से भक्तों को संबोधित करते हुए सत्संग की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा, “सत्संग वह जल है जिसमें कौआ स्नान करके हंस बनकर निकलता है। सत्संग से विवेक जाग्रत होता है और मानव जीवन का असली उद्देश्य समझ में आता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मनुष्य की एकमात्र जाति मानव जाति है और जाति-पाति के भेदभाव से सिर्फ नफरत ही पनपती है। अहिंसा और सदाचार पर दिया जोर संत पंकज जी महाराज ने अपने प्रवचनों में गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उपदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि यदि आपने हिंसा, अपराध और अमानवीय कार्यों को नहीं छोड़ा तो आगे बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने शाकाहारी जीवन अपनाने, शराब और नशे का त्याग करने और सभी महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना रखने का आग्रह किया। आगामी सत्संग-मेला में शामिल होने का निमंत्रण उन्होंने जयगुरुदेव आश्रम, मथुरा में 8 से 12 दिसंबर तक आयोजित होने वाले “दादा गुरु” के वार्षिक भंडारा सत्संग-मेला में भक्तों को शामिल होने का निमंत्रण भी दिया, ताकि वे इस धार्मिक आयोजन का लाभ उठा सकें और अपने जीवन को सार्थक बना सकें। अगले पड़ाव की ओर रवाना हुई यात्रा इस अवसर पर बलरामपुर जिलाध्यक्ष शेषराम यादव, विजय पाल वर्मा प्रधान, सुरेंद्र कुमार गुप्ता, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ संगत के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। पुलिस प्रशासन का सहयोग भी आयोजन की व्यवस्था में बना रहा। सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव बुआ की बाग बघनी, उतरौला के लिए प्रस्थान कर गई, जहां अगले दिन सत्संग कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस यात्रा ने समाज में शाकाहार, सदाचार और नशामुक्ति के संदेश को प्रसारित कर जनमानस में एक नई ऊर्जा और आस्था की लहर पैदा की है। यात्रा का हर पड़ाव लोगों को सत्संग, भक्ति और सदाचार के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहा है।