बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
चक्रवाती बारिश और तेज हवाओं ने बलिया जनपद के किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में पककर तैयार धान की फसल अब पानी में डूबी पड़ी है। कई जगहों पर कटे हुए धान के ढेर सड़ने लगे हैं। किसान न तो फसल निकाल पा रहे हैं, न ही उसे सुखाने का मौका मिल रहा है।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवांनगर व पूर्व एमएलसी स्व. सुदामा सिंह की पुत्रवधू उर्मिला सिंह ने किसानों की इस स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि किसानों ने मेहनत और पूंजी लगाकर फसल तैयार की थी, लेकिन अचानक आई चक्रवाती बारिश और तेज हवाओं ने सबकुछ नष्ट कर दिया। खेतों में पानी भरने से न केवल धान की फसल बर्बाद हुई है, बल्कि अब रबी की बुआई भी विलंबित होगी।
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चक्रवात से भाटी, संदवापुर नवानगर, कटघरा, बंसीबाजार, तेंदुआ, चेतन किशोर, बनहरा, बालूपुर, लीलकर, सीसोटार सहित कई गांवों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। धान पूरी तरह गिर जाने से किसानों की कमर टूट गई है, वहीं आलू, सरसों, मटर और सब्जियों की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
उर्मिला सिंह ने सरकार से मांग की है कि प्रभावित किसानों का तत्काल सर्वे कराया जाए और उन्हें मुआवजा व राहत राशि प्रदान की जाए, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि गांव-गांव जाकर वास्तविक क्षति का आकलन कर किसानों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाए।
