
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
जिला अस्पताल गोरखपुर के इमरजेंसी प्रांगण में स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय आजकल कंपाउंडर के भरोसे ही चल रहा है। यहां पर कोई स्थाई डॉक्टर नहीं है, जिससे डॉक्टर का कार्य यहां का फार्मासिस्ट कर रहा है ।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस चिकित्सालय में मरीजों को दवा लिखने से लेकर पूरी व्यवस्था फार्मासिस्ट के इशारे पर चल रही है। जिससे वह आए दिन मरीजों को धमकाते हुए देखा जा सकता है। साथ ही ज्यादातर मरीजों की पर्ची पर अस्पताल से बाहर से दवा लेने के लिए प्रेरित एवं बाध्य किया जा रहा है। ज्यादातर मरीज ने यह भी बताया यहां पर दवा अस्पताल से देने के लिए प्रत्येक लोगों से 10 ₹20 सीसी के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है। लोगों ने बताया कि उक्त अस्पताल का फार्मासिस्ट काम कम लोगों से बहस करते हुए ज्यादा देखा जा सकता है। और विश्वस्थ सूत्रों द्वारा यह भी पता चला है कि अस्पताल की दवाएं मरीज को कम देकर बाजार में बेच दी जा रही है अथवा प्राइवेट प्रैक्टिस में प्रयोग की जा रही हैं। यहां आने वाले मरीजों द्वारा उक्त चिकित्सालय में स्थाई रूप से नियमित डॉक्टर की नियुक्ति करने एवं यहां के फार्मासिस्ट द्वारा मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार तथा दवा के नाम पर की जा रही अवैध धन उगाही एवं व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच करने की भी मांग की है।
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