‘समर्थ’ के कार्यान्वयन से हमारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा: कुलपति
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा) दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व विश्वविद्यालय के अधिकारी एवं आईसीटी सेल के सदस्यों की एक टीम
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल की पहल पर एकेटीयू, लखनऊ में अयोजित “समर्थ से समर्थ” कार्यशाला में भाग ले रही है
ज्ञात हो कि “समर्थ” एक ईआरपी (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) पोर्टल है। जो उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए प्रवेश, परीक्षा प्रक्रियाओं, पेरोल, भर्ती, पदोन्नति, अवकाश प्रबंधन और अन्य मॉड्यूल को एक प्लेटफार्म पर एकीकृत करता है।
यह शिक्षा मंत्रालय , भारत सरकार की एक पहल है और दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया था। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालय अपने संबंधित संस्थानों में इस प्रणाली को लागू करने के जा रहे हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की गरिमामयी उपस्थिति में गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। गोरखपुर विश्वविद्यालय जल्द ही “समर्थ” की सुविधाओं जैसे अवकाश प्रबंधन, सीएएस, ई-गवर्नेंस आदि को लागू करेगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन के पूर्ण डिजिटलीकरण के लिए प्रवेश तथा परीक्षा पोर्टलों के सुचारु परिवर्तन की योजना बनाएगा।
विश्वविद्यालय के इस पहल से छात्र को नामांकन से लेकर पूरे प्रोग्राम में अपनी प्रगति को ट्रैक करना आसान हो जाएगा। यह व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता बनाए रखते हुए विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।
इस संबंध में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन का कहना है कि ‘समर्थ’ के कार्यान्वयन से हमारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। सभी प्रक्रियाएं अधिक कुशल और पारदर्शी हो जाएंगी। यह कदम हमारे छात्रों और शिक्षकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।”
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