December 24, 2024

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पुरुष नसबंदी करवा दो सगे भाई बने प्रदेश के पहले नज़ीर

पुरुष नसबंदी सेवा देने में बहराइच मंडल में टॉप

बहराइच(राष्ट्र की परम्परा)
गर्भधारण से लेकर बच्चों का जन्म व पालन-पोषण जैसी सभी जिम्मेदारियाँ महिलाएं ही उठाती हैं l और बात जब नसबंदी की हो तो उन्हें ही आगे आना पड़ता है। लेकिन इस परंपरा को तोड़ दो सगे भाइयों ने एक साथ पुरुष नसबंदी की सेवा लेकर नजीर पेश की है । जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह की माने तो दो सगे भाइयों द्वारा एक साथ नसबंदी कराने का फैसला उत्तर प्रदेश का पहला मामला है।
फखरपुर के अरई कला निवासी 35 वर्षीय श्रीप्रकाश के चार और छोटे भाई 28 वर्षीय अरविन्द के तीन बच्चे हैं। दोनों सगे भाई खेती करते हैं। अरविन्द कहते हैं परिवार पूरा था इसलिए पत्नी की नसबंदी कराने की बात चल रही थी। इसी बीच आशा कार्यकत्री तारावती ने पुरुष नसबंदी की जानकारी दी। यह महिला नसबंदी से काफी आसान है इसमें न तो कोई चीरा-टांका लगता है न ही मर्दानगी पर कोई असर पड़ता है ।
अरविन्द ने यह बात बड़े भाई श्री प्रकाश से बताया तो उन्हे विश्वास नहीं हुआ कि बिना चीरा लगाए नसबंदी कैसे होगी ? शंका समाधान के लिए आशा तारावती ने गांव के विश्वनाथ से मिलवाया जिन्होंने एक सप्ताह पहले नसबंदी कराई थी। विश्वनाथ ने बताया उन्हें न तो कोई चीरा-टांका लगा था न ही भर्ती होने की जरूरत पड़ी। वह स्वस्थ हैं और पहले जैसे ही अपने सभी काम-काज कर रहे हैं। संतुष्टि मिलने पर दोनों भाइयों ने एक साथ नसबंदी कराने का फैसला लिया। अरविन्द ने इसकी चर्चा गाँव निवासी गोविंद से की जो तीन बच्चों के बाद अपनी पत्नी की नसबंदी के बारे में सोंच रहे थे। जब उन्हें पुरुष नसबंदी की सही और पूरी जानकारी मिली तो वह भी तैयार हो गए और 28 नवंबर को सभी ने एक साथ नसबंदी करवा ली।
काम-काज पर नहीं होता असर –
अरविन्द ने बताया नसबंदी में लगभग 5 मिनट लगे थे और घर आने के बाद उसी दिन खेत में गेहूं की बुवाई कराने चला गया । वहाँ सरावन जिसे पाटा कहते हैं उस पर बैठ कर खेत की मवाई भी कराई। वह कहते हैं पत्नी की नसबंदी होती तो टांका कटने और सामान्य कार्य करने में एक सप्ताह से अधिक समय लग जाता।

बढ़ रही है जागरूकता –
डीपीएम सरजू खान ने बताया आमतौर पर पुरुष नसबंदी के बारे में चर्चा नहीं होती। ऐसे में दो सगे भाइयों ने आपस में बातचीत कर एक साथ नसबंदी की सेवा लेकर मिसाल पेश की है। उन्होंने बताया जनपद में अप्रैल से अब तक 45 लोगों को पुरुष नसबंदी की सेवाएँ दी जा चुकी हैं, जो मण्डल में सबसे अधिक है। इच्छुक लोग क्षेत्र की आशा कार्यकत्री से या उनके मोबाइल नंबर 6393805282 पर संपर्क कर पुरुष नसबंदी के बारे में अधिक जानकारी ले सकते हैं।
परिवार नियोजन में बढ़ रही पुरुषों की भागीदारी से स्वस्थ माँ और स्वस्थ बच्चा की अवधारणा को साकार करने में मदद मिलेगी। इसमें अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान है जल्द ही सभी को सम्मानित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी
डॉ सतीश कुमार सिंह

मण्डल में अप्रैल से अब तक की स्थिति
 बहराइच – 45 पुरुष नसबंदी
 श्रावस्ती – 14 पुरुष नसबंदी
 बलरामपुर – 02 पुरुष नसबंदी
 गोंडा – 01 पुरुष नसबंदी