Wednesday, December 10, 2025
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फर्जी आइएस बनकर ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार

यूपी बिहार समेत चार राज्यों में जाल फैलाने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
पुलिस लाइन वाइट हाउस सभागार में पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी ने प्रेस वार्ता कर बताया कि फर्जी IAS अधिकारी बनकर करोड़ों की ठगी करने वाले तीन आरोपियों को थाना गुलरिहा पुलिस ने क्राइम ब्रांच, SOG, सर्विलांस व साइबर टीम की मदद से गिरफ्तार किया है।
इससे पहले GRP गोरखपुर ने चुनाव के दौरान 99.9 लाख रुपए बरामद किए थे, जो इसी नेटवर्क से जुड़ा मामला था।

फर्जी IAS का नेटवर्क – UP, बिहार, झारखंड और MP तक फैला

गोरखपुर में पकड़ा गया मुख्य आरोपी ललित किशोर, जो खुद को “IAS गौरव कुमार” बताता था, ने सरकारी कॉन्ट्रैक्ट, नौकरी, और शादी तय कराने के नाम पर लोगों से भारी ठगी की। पुलिस के अनुसार, अब तक 40 से ज्यादा लोग शिकार हुए, जिनमें सबसे अधिक मामले बिहार से सामने आए हैं।

पुलिस को शक तब हुआ जब एक ठेकेदार को दिया गया सरकारी टेंडर का AI से बनाया गया फर्जी कॉन्ट्रैक्ट पेपर मिला। जांच में पता चला कि दस्तावेज में दर्ज कोई भी अधिकारी वास्तविक नहीं था।

चुनाव के दौरान GRP ने पकड़ा था 99.9 लाख रुपया

7 नवंबर को वैशाली एक्सप्रेस की चेकिंग के दौरान एक युवक मुकुंद माधव के बैग से 500-500 के नोटों की गड्डियां मिलीं। रकम 99.9 लाख रुपए पाई गई। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि यह पैसा एक फर्जी IAS अधिकारी को नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में दिया गया था। बाद में जांच में यह रकम ललित किशोर उर्फ IAS गौरव से जुड़ी पाई गई।

गोरखपुर पुलिस ने बेनकाब किया पूरा गिरोह

थाना गुलरिहा पर वादी द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, अभियुक्तों ने कूटरचित कागजात बनाकर लगभग दो करोड़ रुपए ठगे थे और पैसा मांगने पर धमकी भी दी। मुकदमा पंजीकृत होते ही पुलिस ने टीम बनाकर कार्रवाई शुरू की।
ललित किशोर निवासी सीतामढ़ी, बिहार — मुख्य आरोपी, फर्जी IAS के रूप में सक्रिय।
अभिषेक कुमार निवासी रामनगरा, सीतामढ़ी — फर्जी दस्तावेज बनाने में सहायक।
परमानन्द गुप्ता निवासी लच्छीपुर, गोरखपुर — AI पेपर व कूटरचित दस्तावेज तैयार करने में शामिल।

आरोपियों की चालबाजी – गनर, सफेद कार पर झंडा, फर्जी ID कार्ड

ललित किशोर ने रौब जमाने के लिए 8 निजी गनर, सफेद कार पर भारत का झंडा, और फर्जी IAS ID कार्ड व नेम प्लेट रखी थीं।
अभिषेक कुमार और परमानन्द गुप्ता AI और अन्य माध्यमों से फर्जी टेंडर पेपर, ID कार्ड, दस्तावेज बनाकर ललित को देते थे, जिन्हें वह पीड़ितों को भेजता था।
इन दस्तावेजों के आधार पर लोगों से नकद, ज्वैलरी और ऑनलाइन भुगतान की ठगी की जाती थी।
गिरफ्तार आरोपियों से 4,15,500 नकद ज्वैलरी (झुमके, अंगूठियां, चैन, मंगलसूत्र, पायल आदि)
लैपटॉप, पासपोर्ट, ATM कार्ड
फर्जी नेम प्लेट, ID कार्ड, पट्टे, फाइलें चेक बुक व पासबुक

प्र0नि0 विजय प्रताप सिंह, थाना गुलरिहा उ0नि0 राजमंगल सिंह, SOG प्रभारी उ0नि0 छोटेलाल राय, सर्विलांस उ0नि0 उपेन्द्र सिंह, साइबर सेल व अन्य पुलिस कर्मचारी
पुलिस इस नेटवर्क के अन्य तारों को जोड़ने के लिए बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश पुलिस के साथ समन्वय कर रही है। आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं। प्रेस वार्ता के दौरान सीओ गोरखनाथ रवि सिंह भी रहे मौजूद।

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