देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (सेंट-आरसेटी), देवरिया में महिला सिलाई प्रशिक्षण बैच का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एवं संस्थान निदेशक विशाल गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। यह पहल न केवल महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने का माध्यम है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को सशक्त करने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।
इस अवसर पर विशाल गुप्ता ने बताया कि महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार, आय वृद्धि और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु यह प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस 31 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम में देवरिया जिले के 16 विकास खंडों से चयनित कुल 35 महिला प्रशिक्षुओं को आधुनिक सिलाई तकनीक, डिजाइनिंग, कपड़ों की कटिंग, फिनिशिंग, लागत प्रबंधन एवं बाजार से जुड़ी बुनियादी जानकारियाँ दी जाएँगी।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में प्रशिक्षण के साथ-साथ बाजार की मांग के अनुरूप कौशल विकास अत्यंत आवश्यक है। प्रशिक्षण उपरांत महिलाएँ उच्च गुणवत्ता वाले परिधान तैयार कर स्थानीय बाजार, स्वयं सहायता समूहों (SHG), मेलों एवं शहरी बाजारों तक अपनी पहुँच बना सकेंगी। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर सृजित कर सकेंगी।
यह प्रशिक्षण ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार योजनाएँ, कौशल विकास कार्यक्रम, बैंकिंग जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को समझने में सहायक है।
कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ संकाय सोमनाथ मिश्रा, संकाय विनय शंकर मणि त्रिपाठी, कार्यालय सहायक अभिषेक तिवारी सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें प्रशिक्षण का पूर्ण लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
कुल मिलाकर, आरसेटी देवरिया का यह महिला सिलाई बैच ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक मजबूती, सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक सशक्त पहल है, जो “सशक्त महिला—समृद्ध समाज” के लक्ष्य को साकार करता है।
