Monday, October 27, 2025
HomeNewsbeatज्ञान से नवाचार तक: शिक्षा में बदलाव की क्रांति, अब डिग्री नहीं...

ज्ञान से नवाचार तक: शिक्षा में बदलाव की क्रांति, अब डिग्री नहीं कौशल बनेगा पहचान

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
देश के भविष्य की रूपरेखा अब कक्षा में ही लिखी जा रही है। शिक्षा जगत में ऐसा परिवर्तन आरंभ हो चुका है जो केवल पाठ्यक्रम नहीं, बल्कि जीवन और रोजगार दोनों को नई दिशा दे रहा है। पारंपरिक पठन-पाठन की जगह अब स्मार्ट लर्निंग, डिजिटल तकनीक और नवाचार आधारित शिक्षा ने ले ली है। यही वह परिवर्तन है जो भारत को “ज्ञान से विकसित राष्ट्र” की ओर अग्रसर कर रहा है।

अब विद्यालयों में बच्चों को सिर्फ़ डिग्री नहीं, बल्कि कौशल और व्यवहारिक शिक्षा दी जा रही है। शिक्षक ‘ज्ञानदाता’ नहीं, बल्कि ‘मार्गदर्शक’ बनकर विद्यार्थियों को वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं।

शिक्षकों का कहना है कि नई शिक्षा नीति ने बच्चों को सोचने, तर्क करने और निर्णय लेने की क्षमता दी है। वहीं अभिभावकों का मानना है कि इस बदलाव ने बच्चों में आत्मविश्वास के साथ-साथ समाज के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ाई है।

जिले के कई शिक्षण संस्थानों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल लैब्स और प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग जैसी व्यवस्थाएँ लागू की जा रही हैं, जिससे शिक्षा का अर्थ केवल अंक प्राप्त करना नहीं बल्कि सृजनशीलता, नवाचार और रोजगार सृजन बन गया है।

यह परिवर्तन सिर्फ़ शिक्षा का नहीं, बल्कि भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रारंभ है — जहाँ हर छात्र अपने ज्ञान से राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments