
भागलपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) मईल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम भागलपुर के एक युवक की जो महाराष्ट्र के कोल्हापुर में काम करते थे। उनके साथ रहने वाले ने धोखाधड़ी कर उनके अकाउंट से ₹90000 उड़ा दिए। जिससे काफी आहत होकर युवक ने मईल थाने में तहरीर दिया।
मनोज साहनी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में काम करते थे, इन्हीं के अकाउंट में पैसे आते थे जो मजदूरों को यह बाटते थे। 8/11 को इनके मोबाइल में₹1 कहीं से आता है। उसी सुबह यह अपने दोस्त को ₹10000 भेजते हैं, जब उसका पैसा नहीं पहुंचता है तो इनका दोस्त बोलता है कि पैसा अभी नहीं पहुंचा है। इन्होंने बोला कि मैं 12:00 बजे तक चेक करके बताता हूं। उसी के आधे घंटे बाद सोनू पांडेय आता है। एक नंबर लेकर के बोलता है कि इस नंबर पर बात करिए यह मेरे संपर्क की है। जो बैंक में काम करते हैं। तो उस मोबाइल नंबर पर बात करने पर इनको कुछ बातें समझ नहीं आई, तो इन्होंने सोनू पांडेय को मोबाइल दे दिया कि आप बात करके देखो क्या कह रहा है। उसके बाद सोनू से वह आदमी ने कहा कि एनीडेस्क एप्स डाउनलोड कीजिए। उस पर एक कोड जाएगा उसको हमें बताइए उस कोड को सोनू पांडेय ने उसे बताया। सोनू पांडेय ने मुझसे कहा बैलेंस चेक करने के लिए तो उधर से हैंकर बोलता है कि अपना बैलेंस चेक कर लिए। तो सोनू पांडेय मोबाइल मनोज साहनी को देते हैं। तो मनोज साहनी अपना बैलेंस चेक करते हैं। तो नाट रीचेबल टेक्निकल इश्यू बताने लगा। फिर वह आदमी बोलता है कि एक बार और चेक करिए, फिर वही टेक्निकल इश्यू आने लगती है। इसके बाद सोनू पांडेय वहां से चला जाता है। ठीक उसके 2 मिनट बाद हैंकर द्वारा दिए गए नंबर पर बात करना बंद हो जाता है। तो मनोज साहनी को कुछ शक हुआ और उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद मोबाइल इनका 5 मिनट तक काम करना ही बंद कर दिया था। कुछ देर के बाद जब मोबाइल ठीक हुआ। तो यह कस्टमर केयर पर फोन लगाकर अपना बैलेंस चेक किया। तो वहां से बताया कि आपका बैलेंस ₹5 है। इन्होंने घबराकर स्टेट बैंक से अपना स्टेटमेंट निकलवाए। तो स्टेटमेंट में दिख रहा है ,की 80099 रुपए तथा 8900 कुछ रुपए करके दो बार कोलकाता एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर दिख रहा है। तो मनोज साहनी वहां के थाने पर तहरीर देने गए। तो वहां के पुलिस ने कहा कि यह मामला तुम्हारे गांव का है। तुम वही जाकर के तहरीर दो। इसके बाद मैं अपने गांव आया और मईल थाने में सोनू पांडेय के खिलाफ तहरीर दिया। क्योंकि उनके ही द्वारा अपलोड कराया गया था एप, उसके द्वारा मोबाइल नंबर दिया गया था ।इन्होंने ही मेरा पैसा मेरे अकाउंट से ट्रांसफर करवाया है, क्योंकि यह हम लोग पास रहते थे तो सबका बैग चेक करते रहते थे। मेरा सारा डॉक्यूमेंट मेरे बैग में ही रहता था। बिहार के संतोष तथा मनोज के सामने इसने मोबाइल नंबर दिया और एप्स डाउनलोड किया। इसके बाद मेरे साथ यह घटना हुई।अभी मेरी शादी है और मैं मुंबई के थाने से लेकर भागलपुर के थाने तक दौड़ भाग में लगा हूं । मेरे पास ₹1 नहीं है। मैं बहुत परेशान हूं।