July 7, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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राग और द्वेष से मुक्त होकर, अहंकार को तिरस्कृत करने वाला निराला होता है: डॉ.अरुणेश नीरन

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) l विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डॉ.अरुणेश नीरन ने निराला जयंती पर नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति राग और द्वेष से मुक्त होकर, अपने अहंकार को तिरस्कृत करके आता है तो वह निराला होता है। निराला जी कहते हैं यदि सिर झुकाकर जीना ही कवि कर्म का प्राप्य है तो इस पर वज्रपात हो। उन्होंने कहा कि राम की शक्तिपूजा महाकाव्य न होकर भी महाकाव्य से बड़ा है। इसमें ध्वनियों का संगीत जिस तरह प्रवाहित है वह अद्भूत है, अन्यत्र दुर्लभ है। निराला बसंत की गंध, बसंत के आलोक और बसंत के ओज से प्रकाशित हैं। मैं उन्हें नमन करता हूं।
डॉ. नीरन ने कहा कि आज नागरी प्रचारिणी सभा में हिंदी, तमिल और सिंहली भाषा की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है, जिसमें कवि, साहित्यकार और श्रोता संगम स्नान का लाभ ले रहे हैं।
इस अवसर पर “विश्व नागरी रत्न” से अलंकृत श्रीलंका की कौशल्या देवी सुमाली लककसानी ने कहा कि मैं अपने को एक भारतीय मानती हूं, यदि मेरा दूसरा जन्म हो तो उसे मैं भारत में होना चाहूंगी। मैं श्रीलंका की पहली महिला हूं जिसे कम उम्र में यह सम्मान प्राप्त हुआ है। मैं चाहती हूं कि हिंदी पूरे विश्व में स्थापित हो। यद्यपि मेरे माता-पिता शुरू में नहीं चाहते थे कि मैं हिंदी सीखूं, किन्तु आज वे मेरे हिन्दी पठन-पाठन पर गर्व महसूस करते हैं।
कहा कि मेरे विद्यालय में वर्तमान में आठ सौ बच्चे हैं, जिन्हें मैं नि:शुल्क हिंदी की पढ़ती हूं। यहां आकर मुझे यह महसूस हुआ कि भारत में अतिथि देवो भव: का भाव प्रबल जिसे आगे बढ़ाने की जरुरत है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने नव निर्मित अतिथि कक्ष का लोकार्पण करने के पश्चात कहा कि राम की शक्तिपूजा अंधकार से प्रकाश की यात्रा है, असत्य पर सत्य की विजय का गान है। मैं निराला के साहित्य से हमेशा आलोक पाता रहा हूं और अपने कार्यकाल में सीमित संसाधनों के बाद भी बेहतर कार्य करने का प्रयास किया। नागरी प्रचारिणी सभा को मैं अपने गौरव का विषय मानता हूं।
सभा के मंत्री डाॅ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी से परिचय करायाl
इसके पूर्व समारोह के प्रथम सत्र में प्रात: रघुपति त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित काव्य गोष्ठी में चराग सलेमपुरी, रविनंदन सैनी, छेदी प्रसाद गुप्त विवश, रमेश सिंह दीपक, उमाशंकर द्विवेदी, विनोद पांडेय, आशुतोष तिवारी, गोपाल जी त्रिपाठी, दयाशंकर कुशवाहा,भीम प्रसाद प्रजापति, सौदागर सिंह, कौशल किशोर मणि, पार्वती देवी, आचार्य प्रमोद मणि, अमित कुमार मिश्र, नित्यानंद आनन्द, पुष्कर तिवारी इन्द्र कुमार दीक्षित आदि कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कियाl
समारोह के दूसरे सत्र में सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी, मंत्री डाॅ. अनिल कुमार त्रिपाठी, संयोजक डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. दिवाकर प्रसाद तिवारी, दिनेश कुमार त्रिपाठी, बृद्धिचन्द्र विश्वकर्मा द्वारा श्रीमती कौशल्या सुमाली लककसानी को अंग वस्त्र, सम्मान-पत्र, स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर विश्व नागरी रत्न सम्मान से सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध गायिका पूनम मणि ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया व कार्यक्रम संयोजक संयुक्त मंत्री डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने शनिवारीय गोष्ठी में काव्य पाठ करने वाले कवियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ. शकुंतला दीक्षित, दुर्गा पाण्डेय, ह्रदय नारायण जायसवाल, रवीन्द्र नाथ तिवारी, श्वेतांक करण त्रिपाठी, बृजेश पाण्डेय, रमेश चंद्र त्रिपाठी,भृगुदेव मिश्र, ऋषिकेश मिश्र, जगदीश उपाध्याय, डॉ. अभय कुमार द्विवेदी आदि विद्वतजन उपस्थित रहे।