December 28, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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वीरांगना ऊदा देवी कॉलेज द्वारा किया गया निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

जिसमें सैकड़ों मरीज हुए लाभान्वित

आजमगढ़ ( राष्ट्र की परम्परा )
जनपद के बिलरियागंज ब्लॉक के सियरहा बाजार मे स्थित वीरांगना ऊदादेवी पैरामेडिकल कॉलेज ऑफ इंस्टीट्यूट की ओर से, चतुर्थ राष्ट्रीय एक्युप्रेशर पखवाड़ा-2023 के तहत निशुल्क चिकित्सा एवं प्रशिक्षण शिविर के आयोजन को इंस्टीट्यूट परिसर में किया गया। जिसमे सैकड़ों ग्रामीणों को एक्युप्रेशर के लाभ के बारे में जानकारी देते हुए, प्रशिक्षण दिया गया। अध्यक्षता डायरेक्टर डा अनिल कुमार सरोज व संचालन डा विजय चौहान ने किया।
पखवाड़ा को संबोधित करते हुए प्रशिक्षक डा अनिल कुमार सरोज ने बताया कि एक्यूप्रेशर शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर रोग के निदान करने की विधि है। मानव शरीर पैर से लेकर सिर तक आपस में जुड़ा है तथा हजारों नसें, रक्त धमनियों, मांसपेशियां, स्नायु और हड्डियों के साथ आँख, नाक कान, हृदय फेेफडे दांत नाडी आदि आपस में मिलकर मानव शरीर के स्वचालित मशीन को बखूबी चलाती हैं। अतः किसी एक बिंदु पर दबाव डालने से उससे जुड़ा पूरा भाग प्रभावित होता है। यह भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, यह पद्धति सायटिका, गठिया, लकवा, सभी जोड़ों का दर्द, गर्दन, कंधा, घुटना, कमर, डायबिटिज, ब्लडप्रेशर, माइग्रेन, आदि रोगों में काफी कारगर साबित हो रहा है।
डायरेक्टर डा अनिल कुमार सरोज ने बताया कि शरीर में एक हजार ऐसे बिंदु चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें एक्यूप्वाइंट कहा जाता है। जिस जगह दबाव डालने से दर्द हो उस जगह दबने से सम्बन्धित बिन्दु कि बीमारी दुर होती है। यह पद्धति दुनिया की सबसे सस्ती चिकित्सा पद्धति है। सटीक और सही एक्यूप्रेशर से हम मरीज को कम समय में अधिक लाभ पहुंचा सकते है। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों के छोटे-मोटे रोगों से संबंधित एक्यूप्रेशर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और प्रशिक्षण दिया गया। बताया गया कि नियमित रूप से अपने स्वयं के एक्यूप्रेशर बिंदुओं की मालिश करते हैं, जिससे उनका परिसंचरण और लचीलेपन में वृद्धि होती है और बिंदु “नरम“ या हमले के प्रति कम संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा भी पखवाड़ा कार्यक्रम को बहुतेरे वक्ताओं ने संबोधित करते हुए एक्युप्रेशर पर विस्तार से चर्चा किया।
इस अवसर पर डा संतोष शर्मा, डा आर.बी. मौर्या, डा एचजी विश्वकर्मा, डा अजय जैसवारा, डा रामकेश यादव, आदि मौजूद रहे।