अयोध्याधाम (राष्ट्र की परम्परा)। श्रीराम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, प्रखर संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का मध्य प्रदेश के रीवा में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही अयोध्या सहित पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। संत समाज, साधु-संतों, रामभक्तों और उनके शिष्यों में गहरा शोक व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रीवा जनपद में प्रवास के दौरान डॉ. वेदांती की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्होंने अंतिम सांस ली।
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पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का पार्थिव शरीर मध्य प्रदेश से अयोध्या लाया जा रहा है। उनके शिष्य एवं उत्तराधिकारी पार्थिव शरीर को लेकर शीघ्र ही अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। अयोध्या पहुंचने पर अंतिम दर्शन के पश्चात विधि-विधान से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. वेदांती की भूमिका ऐतिहासिक और अत्यंत प्रभावशाली रही। वे आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे और जीवनभर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित रहे। उनके निधन को आध्यात्मिक जगत और सनातन परंपरा के लिए एक अपूरणीय क्षति माना जा रहा है।
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उनके निधन पर संत समाज, धार्मिक संगठनों और रामभक्तों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। सभी ने प्रभु श्रीराम से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोक संतप्त अनुयायियों एवं शिष्यों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
