“भोजन ही भक्ति है: मसालों की पवित्रता से किचन में आए समृद्धि”

“किचन को बनाए मंदिर: जहां मसालों की सुगंध और स्वाद संस्कार की पहचान बना दे”


हर भारतीय घर की रसोई केवल खाना बनाने की जगह नहीं होती, बल्कि वह घर का मंदिर होती है — जहां स्वाद के साथ भावनाएं भी पकती हैं। एक सच्ची गृहणी के लिए उसकी किचन पूजा-पाठ की थाली से कम नहीं होती। जैसे हम पूजा से पहले थाली और दीपक को साफ रखते हैं, वैसे ही किचन के मसालों और बर्तनों की पवित्रता बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।

हमारे भोजन का असली स्वाद मसालों में छिपा होता है। ताज़े और सुगंधित मसाले किसी भी साधारण सब्जी को स्वादिष्ट बना देते हैं, जबकि पुराने या खराब मसाले पूरे खाने का जायका बिगाड़ देते हैं। अक्सर देखा गया है कि कई बार हम मसालों को गलत तरीके से स्टोर करते हैं और यही वजह होती है कि उनका रंग, खुशबू और असर खत्म हो जाता है।

सबसे आम गलती यह है कि जब मसाले का डिब्बा आधा रह जाता है, तो हम उसी में नया पैकेट खाली कर देते हैं। ऐसा करने से पुराना मसाला नया मसाला खराब कर देता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि पहले पुराना मसाला पूरी तरह इस्तेमाल करें, फिर डिब्बा धोकर धूप में अच्छी तरह सुखाएं और तभी नया मसाला भरें। ऐसा करने से न केवल मसाले लंबे समय तक टिकते हैं, बल्कि उनकी खुशबू और स्वाद भी बरकरार रहती है।

इसके अलावा, मसाले निकालने के लिए गीली चम्मच का उपयोग बिल्कुल न करें। हल्की-सी नमी भी मसालों को चिपचिपा बना देती है और फफूंदी लगने की संभावना कई गुना बढ़ा देती है। हमेशा सूखी चम्मच का ही प्रयोग करें। अगर संभव हो तो मसालों के लिए एक अलग सूखी चम्मच ही रखें। यह छोटी-सी आदत आपके मसालों को महीनों तक ताज़ा रख सकती है।

कई बार गृहणियाँ सुविधा के लिए मसालों के डिब्बे गैस स्टोव या चूल्हे के पास रख देती हैं, ताकि काम में आसानी हो। लेकिन यही सबसे बड़ी भूल होती है। खाना पकाने के दौरान निकलने वाली गर्मी और भाप मसालों में नमी भर देती है। इससे मसाले गीले होकर चिपकने लगते हैं, उनका रंग फीका पड़ जाता है और सुगंध गायब हो जाती है। इसलिए मसालों को हमेशा ठंडी, सूखी और हवादार जगह पर रखें।

याद रखें, आपकी रसोई केवल स्वाद की नहीं, बल्कि संस्कारों की प्रयोगशाला है। जैसे पूजा में स्वच्छता और शुद्धता का महत्व होता है, वैसे ही किचन में भी स्वच्छता और सादगी ही उसकी पवित्रता की पहचान है। एक अच्छी गृहणी अपनी रसोई को ऐसे सजाती-संवारती है जैसे वह देवी अन्नपूर्णा का घर हो — जहां हर मसाला, हर खुशबू और हर पकवान घर में खुशहाली का प्रतीक बनता है।

राष्ट्र की परंपरा ने सुझाव दिया है कि उपरोक्त उपायों को अमल में लाने से पहले किसी अनुभवी जानकार या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

ये भी पढ़ें –पत्रकारों ने कोतवाल के खिलाफ किया जोरदार प्रदर्शन, क्षेत्राधिकारी को सौंपा ज्ञापन

ये भी पढ़ें –नागा साधु का हाई वोल्टेज ड्रामा: नशे की हालत में सड़क पर मचाया बवाल, दरोगा छोड़ गए बुलेट – पुलिस जांच में जुटी

ये भी पढ़ें –”ग्लिसरीन का जादू: खोई हुई त्वचा की चमक लौटाने का सबसे सरल और सटीक उपाय”

Editor CP pandey

Recent Posts

विस्तृत हिंदू पंचांग: शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और राहुकाल

दिन: रविवारस्थान-निरपेक्ष सामान्य भारतीय पंचांगतिथि, नक्षत्र, योग व करणतिथि: शुक्ल पक्ष दशमी – रात्रि 09:29…

3 hours ago

खिचड़ी मेले को लेकर सीएम योगी का समीक्षा बैठक

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)l शनिवार को गोरखनाथ मंदिर के सभाकक्ष में सीएम योगी ने अधिकारियों संग…

6 hours ago

सिकंदरपुर–बालूपुर मार्ग पर बड़ा हादसा, नीलगाय से टकराकर बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)l सिकंदरपुर बालूपुर मुख्य मार्ग पर हरदिया गांव के पास शनिवार की शाम…

6 hours ago

जिलाधिकारी के निर्देश पर ददरी मेले में विशेष सरकारी प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)l ऐतिहासिक ददरी मेला इस वर्ष भी अपनी सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक उत्सवधर्मिता…

6 hours ago

महराजगंज का सबसे बड़ा युवा महोत्सव—इनोवेशन और लोककला की चमक से जगमगाया जनपद स्तरीय युवा उत्सव

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। जिले में शनिवार का दिन युवाओं की ऊर्जा, प्रतिभा और नवाचार के…

7 hours ago