Monday, October 13, 2025
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गोरखपुर में दिवाली से पहले खाद्य विभाग का बड़ा एक्शन, 1000 किलो नकली मावा सीज

गोरखपुर/उत्तर प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा)। दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के पहले गोरखपुर में खाद्य विभाग ने नकली मावा (खोया) तैयार करने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी की और करीब 1000 किलो नकली मावा सीज कर दिया। यह मावा बाजार में मिठाइयों के रूप में पहुंचने वाला था, जो लीवर और किडनी के लिए खतरनाक साबित हो सकता था।

नकली मावा में मिली खतरनाक मिलावट

खाद्य विभाग की जांच में पता चला कि मावा को दूध पाउडर, रिफाइंड और ग्लूकोज के साथ रसायन मिलाकर तैयार किया जा रहा था। फैक्ट्री के पैकेट पर सिर्फ “Best Before” लिखा था, लेकिन पैकिंग या एक्सपायरी डेट नहीं दर्शाई गई थी।

सहायक आयुक्त खाद्य, डा. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकार का मावा बाजार में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इसमें मिलावट और मिसब्रांडिंग की गई है।

फैक्ट्री का विवरण

फैक्ट्री का नाम श्रीकृष्णा स्वीट्स है, जिसे भगवान सिंह यादव ने नकहा नंबर एक मोहल्ले में दो-तीन साल पहले खोला था। यहां मिल्क केक और मीठा मावा तैयार किया जाता था। हालांकि, मिल्क केक मानक के अनुसार बनाया जा रहा था, लेकिन मावा आपत्तिजनक पाया गया।

फैक्ट्री संचालक ने कहा कि नए प्रोडक्ट्स लाने के दौरान एक्सपायरी डेट लिखना भूल गए थे। लेकिन खाद्य विभाग ने स्पष्ट किया कि दूध पाउडर और रिफाइंड को मिलाकर मावा तैयार करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

मावा बाजार में कैसे जाता

जांच में पता चला कि तैयार नकली मावा को छोटे दुकानों पर सप्लाई किया जाता था। वहां इसे बरफी, पेड़ा और अन्य मिठाइयों का रूप दिया जाता था। यह मावा दो-तीन महीने तक खराब नहीं होता, इसलिए फैक्ट्री संचालकों के लिए यह सुविधाजनक था, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए खतरनाक।

खाद्य विभाग की कार्रवाई

खाद्य विभाग ने सीज की गई सामग्री के नमूने प्रयोगशाला भेजे और नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सहायक आयुक्त खाद्य ने चेताया कि इस प्रकार का नकली मावा बच्चों और बुजुर्गों के लिए हानिकारक हो सकता है।

फैक्ट्री से बरामद सामग्री में शामिल हैं: 1000 किलो नकली मावा, 50 बोरी मिल्क पाउडर, 20-25 टीन रिफाइंड, अन्य मिलावट वाली सामग्री

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