
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। बांसुरी वादन संगीत की एक अनोखी कला है।साधक परिश्रम व साधना के बदौलत इसमें पारंगत हो सकते है यह एकमात्र ऐसा साज है जो समस्त विश्व में बजाया जाता है इसलिए भी दुनिया भर में बांसुरी वादक को सम्मान मिलता आया है। नगर के प्रसिद्ध शौकत अली पुत्र स्वर्गीय उस्मान जुमा मोहल्ला उपनगर मझौली के रहने वाले है अपने बांसुरी बजाने के अंदाज से ये पूरे नगर में काफी प्रसिद्ध है लोग इनके बांसुरी खरीदने के साथ ही इनके द्वारा गीत को भी सुनते है वैसे तो गरीब घर से आए शौकत अली का कहना है कि बांसुरी बजा कर व साथ में बच्चो के खिलौने बेच कर अपनी जीविका चलाते है। इनके द्वारा ये भी बताया गया कि मेरे पिता जी भी बांसुरी और बच्चों के खिलौने बेचते थे मैं भी बेच रहा हु । लोग इनके द्वारा बांसुरी से बजे गीत की धुन सुनने को बेताब रहते है।नगर के गांधी चौक पर इन्होंने मशहूर फिल्म गदर के गाने को बांसुरी के धुन में सुनाया वहां मौजूद लोगों ने इनाम के रूप में रुपए दिया और खूब प्रशंसा की।
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