April 27, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

प्रथम अपील कर सूचना उपलब्ध कराने की मांग

सूचना न देना पड़े इसलिए ग्राम पंचायत सचिव ने नोटिस भेज प्रार्थी से 10175/- की मांग की थी

प्रथम अपील के माध्यम से सूचना चाहने वाले ने जिला विकास अधिकारी से सूचना उपलब्ध कराने की लगाई गुहार

महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता एवं सुचिता लाने के लिए भारत सरकार ने 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम नामक एक कानून बनाया था जिसके तहत भारत का प्रत्येक नागरिक किसी भी सरकारी विभाग , दफ्तर,कार्यालय, सरकारी कर्मचारी अथवा सरकार से लाभ लेने वाले संस्था से विकास कार्यो, योजना में खर्च,गुणवत्ता आदि का व्योरा लिखित रूप में मांग सकता है। परंतु कुछ सरकारी कर्मचारी सूचना के अधिकार अधिनियम की खुली धज्जियां उड़ा रहे हैं और सूचना देने के एवज में सूचना के अधिकार का सीधे-सीधे उल्लंघन करते हुए सूचना मांगने वाले से मोटी धनराशि की मांग कर देते हैं ताकि वह डरकर सूचना न मांगे और पीछे हट जाए जिससे उनके काले कारनामों पर पर्दा पड़ा रहे। प्राप्त समाचार के अनुसार एक समाजसेवी ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मिठौरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सोनाड़ी पिपरा से दिनांक 18 जून 2024 को पांच विन्दुओं पर सूचना मांगी थी जिसके एवज में संबंधित गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी के द्वारा उनके हाथ से लिखा हुआ एक नोटिस भेजा गया जिसमें यह कहा गया था कि सूचना लेने हेतु 2035 पन्ने ₹5 की दर से 10175/- ग्राम पंचायत के खाते में जो पंजाब नेशनल बैंक में है जमा कर दें तभी सूचना उपलब्ध हो पाएगी जबकि सूचना के अधिकार अधिनियम में यह साफ-साफ वर्णित है कि आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर सूचना अधिकारी द्वारा शुल्क की मांग की जा सकती है जबकि ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा 60 दिनों से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद उपरोक्त धनराशि 10175/- की मांग की गई थी। सूचना प्राप्त करने वाले ने जवाब के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर सूचना उपलब्ध कराने की मांग की थी।अब आवेदक ने प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, जिला विकास अधिकारी जनपद महराजगंज से प्रथम अपील कर सूचना उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।अब देखना यह होगा कि अपीलीय अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध करा दिया जाता है या नहीं।