भीषण गर्मी से जीना हुआ मुहाल
चिरैयाकोट/ मऊ(राष्ट्र की परम्परा)
स्थानीय नगर व आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों आसमान से बरस रहे शोलो के कारण तापमान भी सातवें आसमान पर है, दिन में लू के थपेडों और रात में उमस भरी गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुबह के लगभग 10 बजे के बाद से ही चिलचिलाती धूप के कारण लोग सड़कों पर चलना- फिरना बंद कर दे रहे हैं। अत्यधिक आवश्यकता पड़ने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। इस बीच बिजली कटौती ने भी लोगों की मुसीबत को और बढ़ा दिया है। नगर में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति न होने के कारण जल निगम की टंकी से पानी की आपूर्ति भी सही ढंग से नहीं हो पा रही है, जिसके कारण लोगों को पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ रहा है। चुनावी सभा के दौरान बिजली, सड़क, पानी आदि की सुविधा जनता को मुहैया कराने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि भी दूर-दूर तक दिखायी नहीं पड़ रहे हैं। पक्ष-विपक्ष के सभी लोग चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे आम जनता पहले की तरह आज भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है। क्योंकि सरकारें बदलती रहीं। लेकिन बिजली व पानी की समस्या जस की तस बनी रही। आम आदमी से लेकर पशु-पक्षियों के जीवन पर गर्मी का बेहद बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बिजली की भीषण कटौती ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दिया है। क्योंकि मानसून भले ही अपना असर दिखा दे। लेकिन खेतों में पड़े धान के बेहन सिंचाई के अभाव में सूखने की कगार पर हैं। मऊ जिले के ए०के०शर्मा को उत्तर प्रदेश का ऊर्जा मंत्री बनाये जाने से लोगों में एक आस जगी थी कि, अब कम से कम मऊ जिले की जनता को पर्याप्त रूप से बिजली मिलेगी। लेकिन वर्तमान में बिजली की भीषण कटौती ने आमजनता की उम्मीदो पर भी पानी फेर दिया है। बिजली कटौती के मुद्दे को लेकर कहीं से कोई आवाज नहीं उठ रही है। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा होना शुरू हो गई है कि जनता के हमदर्द बनने वाले जनता के इस दर्द पर मरहम कब लगायेंगे और इस समस्या पर अपनी जुबान कब खोलेंगे?
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