देवरिया,(राष्ट्र की परम्परा)
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने मतदाता सूची से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए स्पष्ट किया कि यदि किसी मतदाता का नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है, तो उसे अलग-अलग स्थानों से ईपी/ईएफ प्राप्त हो सकता है, लेकिन केवल एक ही ईएफ पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एक से अधिक ईएफ पर हस्ताक्षर करना दंडनीय अपराध है, जिसके लिए एक वर्ष तक की सजा या जुर्माने का प्रावधान है।
विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी मतदाता को दो स्थानों से गणना प्रपत्र भरने की अनुमति नहीं है। चाहे नाम गांव और शहर दोनों जगह दर्ज हो या दो अलग-अलग राज्यों में—गणना प्रपत्र सिर्फ एक ही स्थान से भरा जाए। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने दोहरी प्रविष्टियों की पहचान के लिए डिजिटल प्रणाली विकसित की है, जो दो स्थानों से फॉर्म भरने वालों का स्वतः पता लगा लेगी।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतदाता जिस स्थान से मतदान करना चाहते हैं—पुश्तैनी गांव या वर्तमान निवास—उसी स्थान से गणना प्रपत्र जमा करें। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची 27 अक्टूबर को फ्रीज कर दी गई है, इसलिए वर्तमान सूची में जिसका नाम जहां दर्ज है, उसे उसी स्थान से फॉर्म भरना होगा।
इस कार्य में लगे बीएलओ और सुपरवाइजरों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति यदि किसी अन्य राज्य में मतदाता के रूप में पंजीकृत है, तो उसे यूपी में गणना प्रपत्र नहीं भरना चाहिए। एसआईआर का उद्देश्य मृत मतदाताओं के नाम हटाकर तथा दोहरे नाम समाप्त कर मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाना है।
अंत में, जिलाधिकारी ने नागरिकों से अपील की कि एनुमरेशन फॉर्म भरने में बीएलओ का सहयोग करें। वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम तथा माता/पिता का नाम सीईओ उत्तर प्रदेश और ईसीआई की वेबसाइट पर ऑनलाइन खोजा जा सकता है।
