Tuesday, October 14, 2025
Homeउत्तर प्रदेशतीन ब्लॉकों में घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

तीन ब्लॉकों में घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

जनभागीदारी बढ़ाने को लेकर आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) सीएमओ के सभागार में मीडिया कार्यशाला आयोजन किया गया। फाइलेरिया जैसी उपेक्षित गंभीर और लाइलाज बीमारी के उन्मूलन के लिए जिले के कैसरगंज, तेजवापुर व नवाबगंज विकासखंडों में आगामी 10 अगस्त से सामूहिक दवा सेवन (एमडीए)अभियान चलाया जाएगा। इस सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान का उद्देश्य सम्बंधित विकास खण्डों के 7.27 लाख से अधिक लोगों को दवा सेवन कराकर बीमारी को बढ़ने से रोकना है।अभियान के सफल संचालन और जन-जागरूकता बढ़ानेके लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला का संचालन डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 संजय शर्मा ने कहा मीडिया आमजन को सही जानकारी देकर जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे इस जनस्वास्थ्य अभियान को व्यापक जन-समर्थन दिलाने में सहयोग करें। वीबीडी नोडल अधिकारी डॉ0 संतोष राना ने बताया जिले में हाथीपाँव के 445 और हाइड्रोसील के 115 मरीज चिन्हित हैं। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए 645 टीमें बनाई गई हैं जो संबंधित ब्लॉकों में दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दवा खिलाएँगी। दवा की सही खुराक सुनिश्चित करने के लिए दवाओं को आशा कार्यकर्ता के सामने ही खिलाया जायेगा। गर्भवती,गंभीर बीमार व्यक्ति और दो वर्ष से छोटे बच्चों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। अभियान की निगरानी के लिए 112 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। महाराजा सुहेलदेव स्वशासी मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ0 निपेंद्र सिंह ने बताया फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है जो हाथ-पैरों, महिलाओं के स्तनों और हाइड्रोसील के रूप में सामने आता है। इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन रोकथाम संभव है। उन्होंने बताया कि 65% से अधिक आबादी द्वारा फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने से इस रोग का प्रसार चक्र टूटता है जिससे फाइलेरिया के नए मामले नहीं आते है। फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी दीपमाला ने बताया कि फाइलेरिया की जांच हर सोमवार और गुरुवार रात 8:30 बजे के बाद चांदपुरा नियंत्रण कक्ष में होती है। बीमारी का प्रसार रोकने के लिए जहाँ आम जनमानस को इससे बचाव की दवाएं खिलाई जाती हैं वहीँ मरीजों की स्थिति न बिगड़े इसके लिए उन्हें देखभाल किट और स्व-देखभाल के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। इस वर्ष अब तक 445 में से 431 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित कर प्रशिक्षण दिया गया है। इस मौके पर मलेरिया/फाइलेरिया इंस्पेक्टर,पाथ संस्था से अभिषेक, पीसीआई से रमन और जिले के प्रतिनिधियों ने अभियान को सफल बनाने के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।

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