
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
राष्ट्रीय सेवा योजना संत विनोबा पीजी कॉलेज देवरिया और स्वास्थ्य विभाग देवरिया के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय फाइलेरिया जागरूकता प्रशिक्षण अभियान कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना डाक्टर चंद्रेश कुमार बारी और डॉक्टर कृष्ण मुरारी गुप्ता द्वारा चलाया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि त्रिपाठी रहे। इन्होंने कहा मच्छर से बचाव ही फाइलेरिया उन्मूलन है । राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का प्रचार प्रसार ग्रामीण और नगरीय भारत तक होना चाहिए ।उन्होंने फाइलेरिया के कारण ,लक्षण और भारत सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम को बताया। स्वयंसेवक ही जागरूकता के मुख्य स्तंभ है। ग्राम और नगर के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंच राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी स्वयंसेवकों की ही हो सकती है। आप सभी अपने आसपास क्षेत्रों में फाइलेरिया बीमारी के प्रति जागरूक कर एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अर्जुन मिश्र ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को फाइलेरिया को रोकने के लिए अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने की सलाह दी । और बताया राष्ट्र सशक्त तभी होगा जब उसके नागरिक स्वस्थ होंगे। राष्ट्रीय सेवा योजना देवरिया के जिला नोडल अधिकारी डाॅ०विवेक मिश्र ने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवक हमेशा स्वच्छता और बीमारियों के रोकथाम के लिए प्रयत्नशील रहे हैं फाइलेरिया उन्मूलन जागरूकता अभियान में भी लोगों के बीच जाकर और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए जागरूकता और दवा लेने के प्रति प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम अधिकारी डॉ चंद्रेश कुमार बारी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान भारत सरकार की महत्वाकांक्षी अभियान है ।इसकी शुरुआत 1955 में हुआ किंतु सामाजिक कुरीतियों और जागरूकता के अभाव में यह कार्यक्रम बहुत अधिक प्रगति ना कर सका। जनता इससे जुड़ने में कम रुचि दिखाई ।1990 और 2000 के दशक में शिक्षा के प्रचार-प्रसार द्वारा ही फाइलेरिया को बीमारी के रूप में चिन्हित कर इसके उनमूलन का प्रयास निरंतर किया जा रहा है।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ कृष्ण मुरारी गुप्त ने फाइलेरिया जागरूकता अभियान उद्बोधन में बताया कि फैलेरिया बीमारी गरीब देशों के सुदूर क्षेत्रों में फैली है। वहां स्वास्थ्य शिक्षा और बीमारी होने पर दवा का अभाव है। भारत में सीमित संसाधन होने के कारण हम सभी को स्वयं ही जागरूकता का प्रचार प्रसार करना होगा तभी देश से फाइलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी दूर हो सकती है।
एफoएमo रेडियो से बातचीत में आदित्य, अंजलि, शैलेश यादव, रोहित पासवान ने फाइलेरिया आंदोलन की प्रति जागरूक करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।
कार्यक्रम में इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के महा प्रताप सिंह,पीसीआई नीरज कुमार ओझा,प्रांशु दुबे सी फार आदि उपस्थित रहे।
