उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)
रबी की बुआई के लिए डीएपी व यूरिया खाद गन्ना गोदाम व सहकारी समितियों पर नहीं है। किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे हैं और सरकारी गोदामों का चक्कर लगा रहे हैं। सहकारी गन्ना समिति उतरौला को खाद खरीद के लिए एक सप्ताह पहले इफ्को कम्पनी को पैसा भेज दिया है लेकिन रेलवे गोदाम पर खाद आकर रैंक न लगने से समिति गोदाम पर खाद नहीं पहुंची है।
भीषण बाढ के जाने के बाद किसानों के सामने रबी फसल की बुआई में खाद बाजारों से नहीं मिल रहा है। किसान डीएपी व यूरिया सरकारी गोदामों में खाद न पहुंचने से किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे हैं। सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए नियंत्रित मूल्य पर डीएपी व यूरिया उपलब्ध कराने के लिए गन्ना समिति उतरौला व सहकारी समिति के गोदामों पर व्यवस्था की है। गन्ना समिति पर खाद के लिए विभाग ने एक हजार बोरी के खरीद के लिए पैसा इफ्को को भेज दिया है लेकिन अभी तक खाद गन्ना समिति उतरौला को नहीं मिली है। इसी तरह विकास खण्ड उतरौला के सहकारी समिति के गोदामों की हालत बनी हुई है। किसान अभिमन्यु कुमार ने बताया कि समितियों में खाद न आने से खुले बाजार में अधिक कीमत देकर खाद खरीदनी पड़ती हैं। किसान विजय प्रकाश ने बताया कि खाद सरकारी गोदामों पर न मिलने से रही बोआई पिछड़ रही है। हाफिज दयान बताते हैं कि सरकारी गोदामों के कर्मचारियों की लापरवाही से खाद नहीं मिल रही है। किसान पप्पू बताते हैं कि खरीफ फसल बाढ से तबाह हो गई है। अब खाद न मिलने से किसान रबी फसल की बोआई नहीं कर पा रहे हैं। किसान जितेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सरकारी समितियों पर खाद की किल्लत से किसानों को काले बाजारों में खाद खरीदनी पड़ती है। सहकारी गन्ना समिति उतरौला के खाद गोदाम प्रभारी ने बताया कि खाद के लिए समिति ने पैसा एक सप्ताह पहले भेज दिया है लेकिन खाद की रैंक रेलवे माल गोदाम पर न आने से समिति को खाद नहीं मिल पाई है। रेलवे गोदाम पर रैंक लगते ही समिति खाद को मगाकर किसानों को विक्रय करना शुरू कर देगी।
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