
जंगल के किनारे मौजूद किसान अपने फसलों को बचाने के लिए समूह बनाकर करते हैं फसलों की रखवाली
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)।नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के जंगल के किनारे मौजूद ग्राम पंचायत महरी, पिपरहवां, घोड़हवां ब्रह्मस्थान, सेखुआनी इमलिहवां, पिपरवास बरनहवां ,चूड़ीहारी, चकदह सहित कई गांव के किसान इन दिनों अपनी फसलों की रखवाली दिन में करने के साथ साथ रात में भी समूह बनाकर करने को विवश हैं। जंगल के किनारे गांवों में मौजूद किसान हर रोज अपनी फसलों को छुट्टा पशु और नील गायों से बचाने के लिए हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर टार्च और लाठी के सहारे प्रतिदिन फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं। लुठहवां गांव के निवासी किसान अरविंद, ज्ञान चंद्र यादव, गोविंद, ब्रजभूषण, राधेश्याम, देवेन्द्र, सहित कई लोगों ने बताया कि जंगल के किनारे शासन प्रशासन को चाहिए कि वह हर वर्ष कुछ न कुछ तारबाड़ा लगाने का कार्य करें जिससे जंगल के किनारे मौजूद किसानों को जंगली जानवरों से हम किसानों की फसलों को बचाया जा सके। वही जंगल किनारे के तारबाड़ा लगाने से हम किसानों को फायदा होने के साथ जंगल में रह रहे जानवर जो अक्सर सुनने और देखने को मिलता रहता है। कि तेंदुआ हिरन सांभर सहित अन्य जंगली जानवर रास्ता भटककर गांवों में पहुंच जाते हैं। और लोगों पर प्राणघातक हमला भी करते रहते इतना ही नहीं जंगल में मौजूद जानवर रात में झुंड बनाकर हम किसानों की फसलों को जमकर बर्बाद कर रहे हैं। जिसका संज्ञान न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि ले रहे न हीं शासन प्रशासन को लोग हम किसान करें तो क्या करें।
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