मत्स्यपालक किसानों ने मीठे जल में मछली पालन करने के सीखें बेसिक गुर
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)l आईसीएआर- सीफा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवॉटर एक्वाकल्चर, कौशल्यागंगा, भुवनेश्वर (उड़ीसा) में आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में देवरिया जिले के एफएफपीओ के डायरेक्टर व किसानों ने हिस्सा लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया । मीठे जल में मछली पालन की बुनियादी बातें विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, बिहार सहित देश के विभिन्न प्रांतों से आए 34 लोगों ने प्रतिभाग किया और मीठे जल में मछली पालन करने के बेसिक गुर सीखें। कोर्स डायरेक्टर डॉ. पीसी दास व डॉ. हिमांशु की देखरेख में वैज्ञानिकों ने भारत में मीठे पानी की जलीय कृषि का हालिया विकास, तालाब निर्माण के बुनियादी पहलू ,मछली प्रजनन और कार्प एवं तिलापिया का हैचरी प्रबंधन,मीठे पानी की जलकृषि में जल गुणवत्ता प्रबंधन व मापदंडों का विश्लेषण, भोजन प्रबंधन व नर्सरी तालाब प्रबंधन, कैट फीश का बीज और ग्रो-आउट उत्पादन,सजावटी मछली प्रजनन, पालन और इसका बाज़ार, रोग और मछली स्वास्थ्य प्रबंधन, सामान्य मछली रोग निदान,मीठे पानी में मोती की खेती, सीमेंट एवं बायो फ्लॉक प्रणाली में कार्प बीज उत्पादन की तकनीक आदि को काफी सूक्ष्मता के साथ बताया और प्रैक्टिकल भी कराया। संस्थान के डायरेक्टर डॉ. पीके साहू ने निवसीड सीबीबीओ राजन तिवारी, लारी फीस प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर सूर्य चन्द्र कुशवाहा, मत्स्यजीवी फीस फार्मर प्रोडयूसर कंपनी लिमिटेड के डायरेक्टर निषाद जितेन्द्र भारत व कृषक अनिल साहनी, ऋतुराज प्रजापति, रंजन कुमार आदि को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया ।
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