November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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धान क्रय केंद्रों पर धान‌ ले जाने के लिए किसान नहीं ले रहे रूचि

उतरौला/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)

धान खरीद शुरू हुए 15 दिन बीतने के बाद भी क्रय केंद्रों पर धान‌ ले जाने के लिए किसान रूचि नहीं ले रहे हैं।कारण तमाम कागजातों पूर्ण करना बताया जा रहा है।एक नवंबर से शुरू हो रहे धान खरीद केंद्र उतरौला पर 17 वें दिन गुरूवार को मात्र एक ट्राली धान क्रय केंद्र पर पहुंचा। धान लाने वाले किसान माजिद ने बताया कि सरकारी केंद्रों पर लाने के लिए तमाम कागजों की पूर्ति करना पड़ता है पहले आन लाइन पंजीयन कराना पड़ता था अब बीज की रसीद भी लाना अनिवार्य हो गया है ।इसी ताम झाम से बचने के लिए किसान‌ अपना धान आढ़तियों के हाथों बेचना सरल समझता है। तहसील में किसानों का पंजीकरण बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। इसकी जानकारी क्षेत्रीय विपणन अधिकारी धन्नजय सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि किसानों को सरकारी धान क्रय केंद्रों पर धान विक्रय के लिए सात केंद्र बनाए गए हैं। शासन ने सरकारी धान क्रय केंद्र पर समर्थन मूल्य में धान विक्रय के लिए आन लाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है साथ ही किसानों को बीज का रसीद लाना अनिवार्य हो गया है।उन्होंने बताया कि किसानों को आन लाइन पंजीकरण के लिए विभाग प्रचार प्रसार कर रहा है। अक्टूबर से शुरू हुए आन लाइन पंजीकरण के लिए विभाग के प्रचार प्रसार के बाद अभी तक बहुत कम संख्या में किसानों ने आन लाइन पंजीकरण कराया है। धान विक्रय के लिए आन लाइन पंजीकरण किसी भी जन सेवा केन्द्र से किसान करा सकते हैं परन्तु जागरुकता की कमी के कारण किसान धान विक्रय के लिए पंजीकरण कराने के लिए उत्साहित नहीं है। इसके लिए विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है।