Saturday, October 18, 2025
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हर वर्ष बाढ़ आने से सैकड़ो बीघा चौपट होती है गन्ने की फसल ।

उतरौला,बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)। गन्ना समिति से उत्तर लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर राप्ती नदी प्रवाहित होती है, जो कि प्रत्येक वर्ष अपने साथ बाढ़ की विभीषिका लेकर आती है। नदी के तटवर्ती ग्राम फत्तेपुर,कटरा, कोहिनिया, अल्लानगर, रुस्तमपुर, जनूका, जनूकी, बीरदालाल नगर आदि ग्रामों में जलमग्नता के कारण गन्ने के फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बार उपयुक्त ग्रामों का ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक उतरौला द्वारा भ्रमण कर गन्ने के प्लाटों का निरीक्षण एवं नदी के तट पर जाकर भी अवलोकन किया गया। किसी भी ग्राम में जलमग्नता की स्थिति नहीं पाई गई। नदी अपने सौम्य रूप में सतत प्रवाहित है, बाढ़ का तत्काल कोई खतरा नहीं है। गत वर्षो से इस बार गन्ने की फसल अच्छी दशा में है। फसल में किसी भी रोग एवं कीट का संक्रमण नहीं पाया गया। गन्ने की फसल स्वस्थ दशा में है, ऐसी स्थिति में कृषकों को वर्षा के पश्चात भूमि के मुलायम होने पर गन्ना गिरने से बचने हेतु बधाई करने का सुझाव दिया, जिससे गन्ने की फसल को गिरने से बचाया जा सके। इस अवसर पर उनके साथ सहायक महाप्रबंधक गन्ना चीनी मिल इटई मैदा, गन्ना प्रबंधक विजय पांडे, राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे

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