बागापार मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण से बिगड़ी यातायात व्यवस्था, सड़क हादसों का बढ़ता खतरा

स्थानीय जनता में बढ़ रहा आक्रोश, प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

महराजगंज से डॉ. सतीश पांडेय व नीरज मिश्र की विशेष रिपोर्ट
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा) सदर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बागापार में अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। मुख्य मार्गों पर फुटपाथी दुकानें, ठेले, अवैध निर्माण और अनियंत्रित वाहनों की भीड़ ने दो लेन की सड़क को पगडंडी में बदल दिया है। इस क्षेत्र में मौजूद स्कूल, बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र, स्वास्थ्य सेवाएं और पुलिस चौकी तक प्रभावित हो चुकी हैं।

हर दिन लग रहा जाम, जान जोखिम में डाल रहे स्कूली बच्चे और मरीज ग्राम पंचायत बागापार महराजगंज जनपद की सबसे बड़ी पंचायतों में से एक है जिसमें 28 टोले और 25,000 से अधिक की जनसंख्या निवास करती है। यहां मौजूद दर्जनों विद्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, दो बैंकों और सैकड़ों दुकानों के चलते इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है।

बागापार से फुर्सतपुर होते हुए महराजगंज तक जाने वाली यह मुख्य सड़क अब एक ‘खतरनाक मार्ग’ बनती जा रही है। जहां पहले वाहन आराम से पास हो जाते थे, अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

18.91 करोड़ की स्वीकृति के बावजूद ठप पड़ा निर्माण कार्य

स्थानीय जनता की मांग और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस सड़क के पुनर्निर्माण हेतु पीडब्ल्यूडी को 18.91 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। 22 मार्च 2025 को सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया द्वारा भूमि पूजन और शिलान्यास के बाद कार्य प्रारंभ होने की घोषणा हुई। लेकिन अब 5 माह बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है।

अतिक्रमण ने ली पूरी सड़क की शक्ल

बागापार चौराहे पर स्थिति और भी गंभीर है, जहां एक दुकान के आगे दूसरी दुकान और फिर खरीदारों की भीड़ ने पूरे मार्ग को अतिक्रमण की चपेट में ले लिया है। तेज रफ्तार वाहन, पैदल राहगीर, स्कूल के बच्चे और बुजुर्गों के लिए यह मार्ग जानलेवा बनता जा रहा है।

एम्बुलेंस को नहीं मिल रहा रास्ता, स्वास्थ्य सेवाएं बाधित

स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचना भी अब चुनौती बन चुका है। जाम के कारण एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाती जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।

प्रशासनिक चुप्पी बनी चिंता का विषय

स्थानीय लोग बार-बार इस मुद्दे को लेकर शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन अब तक न अतिक्रमण हटाया गया और न ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ। लोगों का सवाल है — “क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है?”

स्थानीय लोगों की चेतावनी: न्यायालय जाना पड़ेगा दोबारा

ग्राम निवासी उमेश चंद्र मिश्र सहित कई नागरिकों ने कहा है कि यदि शीघ्र कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो वे दोबारा उच्च न्यायालय का रुख करने को बाध्य होंगे।

Editor CP pandey

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